लंदन: पनामा की एक लॉ फर्म से लीक हुए करोड़ों के दस्तावेजों ने दुनियाभर की तमाम बड़ी हस्तियों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। पनामा के सरकारी अभियोजक के कार्यालय का कहना है कि वह फर्म से जुड़े व्यापक डाटा के लीक होने के बाद हुए खुलासों की जांच शुरू करेगा। बीते सोमवार कार्यालय ने एक बयान में कहा कि, पनामा पेपर्स के जो तथ्य उजागर किए गए हैं, उनकी आपराधिक जांच की जाएगी। बयान में यह भी कहा गया कि यह जांच इस बात का पता लगाने की जाएगी कि कौन से अपराध हुए हैं और इन्हें अंजाम किसने दिया है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने पनामा पेपर्स लीक के मद्देनजर कुछ दिन दबाव में रहने के बाद स्वीकार किया कि उनके पिता द्वारा दूसरे देश में स्थापित कोष में उनकी 30,000 पौंड की हिस्सेदारी थी। कैमरन ने आईटीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री बनने से चार महीने पहले साल 2010 में अपना हिस्सा बहामा के ट्रस्ट को बेच दिया था। उन्होंने कहा, 'मैंने उन सभी को 2010 में बेच दिया था, क्योंकि अगर मैं प्रधानमंत्री बनने जा रहा हूं तो मैं नहीं चाहता था कि कोई कह सके कि तुम्हारे अन्य एजेंडे हैं, निहित स्वार्थ हैं।'