ब्रिटेन में इस साल के अंत तक कोविड-19 टीके को स्वास्थ्य नियामकों से हरी झंडी मिलने की उम्मीद है, जिसके बाद छह महीने या उससे कुछ समय तक टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। ब्रिटिश मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी दी गई है। 'द टाइम्स' की खबर के अनुसार दिग्गज फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय वैज्ञानिकों द्वारा बनाए जा रहे टीके का परीक्षण चल रहा है और दिसंबर में क्रिसमस तक इसे जरूरी मंजूरी मिल सकती है।
समाचार पत्र ने कोविड-19 टीका बनाने और उसके वितरण में शामिल ब्रिटेन सरकार के सूत्रों के हवाले से कहा कि मंजूरी मिलने के बाद वयस्कों के लिये छह महीने या उससे कुछ कम समय के लिये टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा।
कोरोना वायरस के लिए अब तक बने टीकों में से कोई असरदार है या नहीं, इसके शुरुआती संकेत मिलने लगे हैं। वैक्सीन के प्रोसेस और साइंटिफिक रिसर्च पर नजर रखने वाली एक कंपनी के अनुसार, अमेरिकन फार्मा कंपनी फाइजर (Pfizer) का डेटा यही बताता है। कोविड-19 वैक्सीन के लिए कई कंपनियों समेत मॉडर्ना और फाइजर भी हजारों वॉलेंटियर पर तीसरे चरण का परीक्षण कर रही हैं।
फाइजर के अलावा दुनिया में कई वैक्सीन ऐसी हैं जिनके डेवलपमेंट पर सबकी नजरें हैं। इनमें Oxford-AstraZeneca की एडेनोवायरस वेक्टर सिंगल डोज वैक्सीन, मॉडर्ना की mRNA डबल डोज वैक्सीन, Sinovac की इनऐक्टिवेटेड डबल डोज वैक्सीन शामिल हैं। एंटी बॉडीज न होने की सूरत में थोड़ी असुविधा होना स्वाभाविक है। एपिवैक कोरोना नाम की इस वैक्सीन के शुरुआती क्लिनिकल ट्रायल सफल साबित हुए हैं। साइबेरिया स्थित रूस के टॉप सिक्रेट विषाणु विज्ञान अनुसंधान केंद्र वेक्टर ने एक समाचार एजेंसी को इस बारे में जानकारी दी।
इस बीच खुलासा हुआ है कि कम समय के लिए साइड इफेक्ट्स ज्यादा देखा गया। हालांकि अधिकतर मामलों में वैक्सीन का साइड इफेक्ट्स एक दिन बाद या एक दिन में कम हो गया। अमेरिका का फूड ऐंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) वैक्सीन को लेकर फैसला करेगा, उसकी एक बैठक 22 अक्टूबर को होनी है जिसमें संभावित कोविड-19 टीकों पर चर्चा होगी।