इस्तांबुल: तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एरदोगन ने शनिवार को उनकी सरकार के खिलाफ सैन्य तख्तापलट की कोशिशों को देशद्रोह करार देते हुए कहा कि साजिशकर्ताओं को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। एरदोगन ने इस्तांबुल के अतातुर्क हवाईअड्डे पर उतरने के बाद अपने टेलीविजन संबोधन में समर्थकों से कहा, "यह देशद्रोह का मामला है। उन्हें देशद्रोह की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।"
सरकारी समाचार एजेंसी एनादोलु ने राष्ट्रपति के हवाले से कहा, "सरकार सत्ता में है और लोगों ने राष्ट्रपति का चुनाव किया है। हम सेवारत हैं और हम आखिर तक अपने कर्तव्यों का निर्वाह करेंगे।गौरतलब है कि शुक्रवार देर रात सैनकों के एक समूह ने कई बड़े शहरों के पुलों और अन्य प्रमुख स्थानों पर कब्जा जमाने की कोशिश की। बाद में सेना के हेलीकॉप्टरों ने राजधानी अंकारा में हवाई हमले शुरू किए।
तख्तापलट प्रयास के तहत 130 सैनिकों को हिरासत में लिया गया है। मीडिया में मृतकों की संख्या को लेकर अलग-अलग रिपोर्ट हैं। बीबीसी, सीएनएन और गार्जियन के मुताबिक, इस दौरान 42 लोगों की मौत हुई है, जिनमें अधिकांश नागरिक हैं, जबकि सिन्हुआ के अनुसार 60 लोगों की मौत हुई है। समाचार एजेंसी एनादोलु के मुताबिक, तुर्की की संसद के बाहर बम हमला हुआ। सत्तारूढ़ एके पार्टी के मुख्यालयों, राष्ट्रपति कार्यालय के परिसर और सेना कार्यालय सहित कई स्थानों पर हमले किए गए।एरदोगन का कहना है कि तख्तापलट की कोशिश नाकाम हो गई है और देश पर सरकार का ही शासन है।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति एरदोगन ने देश के नाम अपने संबोधन में पूरे घटनाक्रम के लिए धार्मिक विद्वान व बड़ी राजनीतिक हस्ती फतुल्ला गुलेन को जिम्मेदार ठहराया है, जो फिलहाल अमेरिका में हैं।गार्जियन की रिपोर्टों के मुताबिक, सरकारी अधिकारियों ने भी तख्तापलट की साजिश नाकाम होने का ऐलान किया, लेकिन अंकारा में अब भी तनावपूर्ण माहौल है।प्रधानमंत्री बिनाली यिलदिरीम ने शनिवार को उमित दुंदर को नया कार्यवाहक सेना प्रमुख बनाए जाने की घोषणा की।