पेरिस: दुनियाभर में आधिकारिक स्रोतों से एएफपी द्वारा अंतरराष्ट्रीय समयानुसार बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे तक संकलित आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस महामारी से अब तक 1,37,500 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन में दिसंबर में सबसे पहली बार कोरोना वायरस महामारी के सामने आने के बाद से 193 देशों में अब तक संक्रमण के 20,83,820 से अधिक मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें से कम से कम 4,50,500 रोगी अब तक स्वस्थ हो चुके हैं।
एएफपी द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन की सूचना और राष्ट्रीय प्राधिकारों से प्राप्त आंकड़ों का इस्तेमाल करके तैयार की गयी तालिका में संक्रमण के वास्तविक मामलों की संख्या में मामूली अंतर ही दिखाई देता है। कई देश केवल अति गंभीर मामलों में जांच कर रहे हैं। इस समय दुनियाभर में कोविड-19 से सबसे बुरी तरह प्रभावित अमेरिका में अब तक संक्रमण के 6,39,664 मामले सामने आए हैं और मृतक संख्या 30,985 पहुंच चुकी है। इस देश में कम से कम 50,107 रोगी स्वस्थ भी हो चुके हैं। अमेरिका के बाद सबसे बुरी तरह प्रभावित इटली है जहां संक्रमण के कुल 1,65,155 मामलों में से 21,645 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद स्पेन, फ्रांस और ब्रिटेन में मामलों की संख्या है।
ईरान ने भी बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस से 92 और मौतें होने की घोषणा की है। लगातार तीसरे दिन ईरान में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या दहाई में रही। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता किनाउश जहांपुर द्वारा एक संवाददाता सम्मेलन में दी गई इन मौतों की जानकारी के साथ ही देश में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की आधिकारिक संख्या 4,869 हो गई। जहांपुर ने बताया कि पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 1,606 नए सामने आये हैं जिससे कोविड-19 के मामले बढ़कर 77,995 हो गए। कोरोना वायरस से संक्रमित होने और अस्पताल में भर्ती होने वालों में से 52,229 को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है।उन्होंने इसे ‘‘बढ़ती प्रवृत्ति’’ बताया। अन्य 3,594 मरीज गंभीर स्थिति में हैं। हालांकि विदेशों में अटकलें लगाई जा रही हैं कि होने वाली मौत और संक्रमणों की संख्या आधिकारिक तौर पर घोषित संख्या से अधिक है। संसद द्वारा मंगलवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान में कोविड-19 से होने वाली वास्तविक मौतों की संख्या सरकार द्वारा घोषित संख्या से 80 प्रतिशत तक अधिक होने का अनुमान है।
कोविड-19 संक्रमणों की संख्या ‘‘आठ से 10 गुना’’ अधिक होने का अनुमान लगाया गया है। इसमें कहा कि आधिकारिक तौर पर घोषित आंकड़े ‘‘अस्पताल में भर्ती गंभीर लक्षणों वाले मरीजों पर ही आधारित’’ हैं। इसमें इस प्रकोप के खिलाफ धीमी गति से कदम उठाने के लिए सरकार की आलोचना की गई और कहा गया कि इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए कदम उठाने में देरी की वजह से इसकी ‘‘दूसरी लहर’’ अगली सर्दियों में आ सकती है।