लंदन: लंदन में 'हाउस ऑफ लॉर्ड' में नियुक्त नज़ीर अहमद के कहने पर कुछ पाक समर्थक भारत के ख़िलाफ़ ब्लैक डे मनाने पहुंचे थे लेकिन तभी मौके पर भारतीय समर्थक आ गए और फिर दोनों में बहस शुरू हो गई। लंदन में तैनात भारतीय उच्चायुक्त ने नज़ीर अहमद के प्रदर्शन को एक बदनाम नेता की बेसब्र कोशिश करार दिया है। एक तरफ पाकिस्तानी मूल के लॉर्ड नजीर अहमद के लोग थे जो कश्मीर की आज़ादी के नारे लगा रहे थे तो दूसरी ओर थी ब्रिटेन में रह रहे हिंदुस्तानी मूल के नागरिकों की फौज जिन्होंने विरोधियों को सीधा और सटीक जवाब दिया।
दरअसल बिटेन में हाउस ऑफ लार्ड के लिए नियुक्त नजीर अहमद ने भारत के खिलाफ अभियान शुरू किया है। नजीर अहमद गणतंत्र दिवस के दिन अपने समर्थकों के साथ भारत के विरोध में ब्लैक डे मनाने पहुंचे थे इसी दौरान कश्मीर की आज़ादी के नारे लगाए गए लेकिन थोड़ी ही देर में नजीर के मंसूबों पर पानी फिर गया। देखते ही देखते इंडिया हाउस के बाहर भारतीय मूल के नागरिकों की भीड़ जमा हो गई और इसके बाद चारों ओर वंदे मातरम के नारे सुनाई देने लगे। कुछ ही देर में मोदी मोदी के भी नारे लगने लगे।
पाकिस्तान के लिए शर्मनाक बात ये थी कि ख़ुद जम्मू-कश्मीर में रहने वाले लोग भी उसकी 'आज़ाद कश्मीर' जैसी बेतुकी और बेमतलब की मांगों का विरोध कर रहे थे। भारतीय मूल के लोगों का आरोप था कि सिर्फ़ माहौल ख़राब करने के लिए पाकिस्तानी मूल के लॉर्ड नजीर अहमद ने गणतंत्र दिवस के दिन को चुना है।
काफी देर तक भारतीय उच्चायोग के सामने दोनों पक्षों की ओर से नारेबाज़ी होती रही। हालात ये हो गए कि ब्रिटिश पुलिस को बीच बचाव के लिए सामने आने पड़ा लेकिन कुछ ही देर में भारत विरोधी गैंग की आवाज़ दब गई। चारों ओर सिर्फ़ वंदे मातरम के नारे गूंज रहे थे।