जेनेवा: चीन पर अक्सर ही शिनजियांग प्रांत में रहने वाले अल्पसंख्यक उइगर मुस्लिमों के प्रति कड़ा रुख अपनाने और उन्हें कैद में रखने का आरोप लगता रहा है। वहीं, दूसरी तरफ चीन लगातार अपने इस कदम का बचाव करता रहा है। चीन ने मंगलवार को भी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHCR) में अपने उत्तर-पश्चिम शिंजियांग प्रांत में हजारों लोगों को विवादित रूप से कथित हिरासत में रखने का बचाव किया और उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेत को क्षेत्र का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया।
‘आप शिनजियांग में आकर हकीकत खुद देखें’
उइगर अल्पसंख्यकों के उप-गवर्नर एर्किन तुनियाज ने मंगलवार को UNHCR सत्र में कहा, ‘मैं अध्यक्ष, उच्चायुक्त मैडम के साथ-साथ एचआरसी के सदस्यों और पर्यवेक्षकों को शिनजियांग का दौरा करने और खुद एक सुंदर, वास्तविक और मेहमाननवाज शिनजियांग देखने के लिए आमंत्रित करता हूं।’ तुनियाज के बयान पर जेनेवा में नजर रही क्योंकि संयुक्त राष्ट्र में चीन का पहला शीर्ष अधिकारी नजरबंदी केंद्रों के बारे में चर्चा करने के लिए पेश हुआ। मानवाधिकार संगठनों के अनुसार, शिनजियांग प्रांत में लगभग 10 लाख उइगर और अन्य अल्पसंख्यक मुस्लिमों को कथित पुनर्शिक्षण केंद्रों में नजरबंद किया गया है।
‘एक भी आतंकी हमले का मामला दर्ज नहीं हुआ’
तुनियाज ने दावा किया कि वे व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण केंद्र हैं जिनका निर्माण छोटे अपराध करने वालों औक धार्मिक कट्टरता से प्रभावित लोगों को शिक्षित कर उन्हें 'आतंकवाद और चरमपंथ का पीड़ित' बनने से रोकने के लिए किया गया है। उप-गवर्नर ने कहा कि मध्य एशिया के पास शिनजियांग 1990 के दशक से 2016 तक अलगाववादी ताकतों से पीड़ित रहा, जिसमें हजारों हमले हुए और जिनमें कई लोग मारे गए। तुनियाज ने दावा किया, ‘इन केंद्रों का निर्माण होने के बाद यहां आतंकवादी हमले का एक भी मामला नहीं हुआ है।’