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इस ब्रिटिश लेखक ने जीता साहित्य का नोबेल, जानें इनसे जुड़ी प्रमुख बातें

नोबल पुरस्कार के साथ 90 लाख क्रोनर (11 लाख डॉलर या लगभग 7.2 करोड़ रुपये) की राशि दी जाती है...

Reported by: Bhasha
Published on: October 05, 2017 19:01 IST
Kazuo Ishiguro- India TV Hindi
Kazuo Ishiguro | AP Photo

स्टॉकहोम: ‘द रिमेन्स ऑफ दि डे’ उपन्यास के लिए मशहूर ब्रिटिश लेखक काजुओ इशिगुरो को इस वर्ष के साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। स्वीडिश अकादमी ने यह जानकारी दी। अकादमी ने अपनी घोषणा में कहा कि 62 साल के लेखक ने शानदार भावनात्मक प्रभाव वाले उपन्यासों में दुनिया के साथ हमारे जुड़ाव की अवास्तविक भावना के नीचे के शून्य को दिखाया है। इशिगुरो ने 8 किताबें और साथ ही फिल्म एवं टेलीविजन के लिए पटकथाएं भी लिखी हैं। उन्हें 1989 में ‘द रिमेन्स ऑफ दि डे’ के लिए मैन बुकर प्राइज जीता था। जापान के नागासाकी में जन्मे इशिगुरो 5 साल की उम्र में अपने परिवार के साथ ब्रिटेन चले गए थे और वयस्क होने पर जापान की यात्रा की। 

1982 में आया उनका पहला उपन्यास ‘अ पेल व्यू ऑफ दि हिल्स’ और 1986 में आया दूसरा उपन्यास ‘ऐन आर्टिस्ट ऑफ दि फ्लोटिंग वर्ल्ड’ द्वितीय विश्वयुद्ध के कुछ सालों के बाद के नागासाकी की पृष्ठभूमि पर आधारित है। अकादमी ने कहा, ‘इशिगुरो को सबसे ज्यादा जिन विषयों के साथ जोड़ा जाता है वे यहां पहले से ही मौजूद हैं- स्मृति, समय और आत्म विमोह। यह उनके सबसे मशहूर उपन्यास ‘द रिमेन्स ऑफ दि डे’ में खासतौर पर दिखता है जिसपर बनी फिल्म में एंथनी होपकिंस ने काम को लेकर बेहद समर्पित रसोइए स्टीवेंस की भूमिका निभाई थी। इशिगुरो की रचनाओं में अभिव्यक्ति का एक संयमित माध्यम दिखता है जो घटनाक्रमों से अप्रभावित होता है।’

नोबेल निर्णायक मंडल के अनुसार लेखक की मशहूर रचनाओं में 2005 में आई किताब ‘नेवर लेट मी गो’ शामिल है जिसमें उन्होंने अपनी रचना में साइंस फिक्शन के धीमे अंतर्प्रभाव को पेश किया। 2015 में आए उनके नवीनतम उपन्यास ‘द बरिड जॉइंट’ में एक गतिशील तरीके से दिखाया गया है कि स्मृति का विस्मृति, इतिहास का वर्तमान और फंतासी का वास्तविकता से क्या संबंध है। इशिगुरो इस साल के नोबेल की रेस में सबसे आगे चल रहे साहित्यकारों में शामिल नहीं थे। उनकी किताबों का प्रकाशन करने वाली फेबर ऐंड फेबर ने ट्विटर पर लिखा, ‘हम काजुओ इशिगुरो के नोबेल पुरस्कार जीतने को लेकर बेहद खुश हैं।’ नोबल पुरस्कार के साथ 90 लाख क्रोनर (11 लाख डॉलर या लगभग 7.2 करोड़ रुपये) की राशि दी जाती है।इशिगुरो को 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में एक औपचारिक समारोह में पुरस्कार दिया जाएगा।

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