लंदन: ब्रिटेन ने प्रदूषण से निपटने के लिये प्लास्टिक की बोतलों पर उपभोक्ताओं से शुल्क वसूलने की योजना बनाई है। पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि सरकार इंग्लैंड में बेची जाने वाली प्लास्टिक, सीसा और धातु की एक बार इस्तेमाल होने वाली पेय पदार्थों की बोतलों पर शुल्क लगाएगी। इस कदम का उद्देश्य ब्रिटेन में पैदा होने वाले कचरे की मात्रा को कम करना है। साथ ही इसके जरिये वहां सालाना इस्तेमाल होने वाली 13 अरब प्लास्टिक की पेय पदार्थ की बोतलों में भी कटौती करना है। (जापान ने कहा, किम जोंग-उन और शी के बीच मुलाकात की सारी जानकारी दे चीन )
पर्यावरण मंत्री माइकल गोव ने कहा, ‘‘ इस खतरे से निपटने और हर दिन लाखों प्लास्टिक के बोतल जिनका पुनर्चक्रण नहीं हो पाता है उनपर अंकुश लगाने के लिये अभी कार्रवाई करना बेहद महत्वपूर्ण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम अपने सागरों को साफ रखने में मदद करने के लिये प्लास्टिक की बोतलों पर कार्रवाई करना चाहते हैं।’’ ब्रिटेन में शुरू की जाने वाली डिपोजिट योजना कैसे काम करेगी इसपर विचार- विमर्श किया जाएगा।
पर्यावरण मंत्रालय ने बताया कि इसी तरह की योजना डेनमार्क, स्वीडन और जर्मनी में भी है। वहां 22 पेंस (25 यूरो सेंट) तक शुल्क लगाया जाता है और खाली बोतल जमा करने पर वह राशि लौटा दी जाती है। यह कदम 2015 में ज्यादातर दुकानों में प्लास्टिक के थैलों पर पांच पेंस शुल्क लगाए जाने के बाद उठाया जा रहा है। सरकार का कहना है कि इस कदम से प्लास्टिक के थैलों की संख्या में नौ अरब तक कमी आई है। प्रधानमंत्री के प्रवक्ता ने बताया कि ब्रिटेन के अगले महीने होने वाले राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन के दौरान एजेंडा में प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को भी रखने की उम्मीद है।