लंदन: भारत द्वारा ब्रिटेन को भेजी गई दवा पैरासिटामोल के 28 लाख पैकेट की पहली खेप यहां पहुंचने पर ब्रिटिश सरकार ने दोनों देशों के संबंधों की सराहना की। अब यह दवा कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए पूरे देश के सुपरमार्केट और खुदरा दवा दुकानों तक पहुंचाई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि पैरासिटामोल के 28 लाख पैकेट की यह खेप भारत द्वारा आवश्यक दवाओं के निर्यात में ढील देने के बाद यहां पहुंची है। व्यापार मंत्री लिज ट्रस की ओर से मंगलवार को जारी बयान में कहा गया, ‘‘इसका अभिप्राय है कि पैरासिटामोल के करीब तीस लाख और पैकेट ब्रिटेन की दवा दुकानों में उपलब्ध होंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दशकों में कोरोना वायरस ऐसा सबसे बड़ा खतरा है जिसका सामना हम कर रहे हैं । इसलिए यह आवश्यक है कि हम वैश्विक कारोबार जारी रखने और आपूर्ति मार्ग खुला रखने के लिए मिलकर काम करें। मैं भारत और ब्रिटेन के उन अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहती हूं जिन्होंने इस समझौते पर काम किया और मैं भविष्य में भारत एवं अन्य देशों के साथ मिलकर कोविड-19 की हार सुनिश्चित करने के लिए काम करना चाहती हूं।’’
उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय (एफसीओ) मंत्री लॉर्ड तरीक अहमद ने भी पैरासिटामोल की इस खेप के निर्यात का जिक्र करते हुए, इसे भारत और ब्रिटेन के करीबी सहयोग का संकेत करार दिया था। कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए भारत में तीन मई तक लॉकडाउन है। इस दौरान भारत में यात्रा प्रतिबंध की वजह से फंसे हजारों ब्रिटिश नागरिकों को वापस लाने के लिए ब्रिटेन की सरकार ने इस माह के शुरू में चार्टर्ड उड़ानें आरंभ कीं। इन्हीं उड़ानों से पैरासिटामोल की पहली खेप यहां पहुंची।