लंदन: ब्रिटेन की राजधानी लंदन के ट्यूब ट्रेन पर हुए आतंकवादी हमले के सिलसिले में 18 वर्षीय एक व्यक्ति को शनिवार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इसे जांच में महत्वपूर्ण घटनाक्रम बताया है। केंट पुलिस ने बताया कि उस व्यक्ति को ब्रिटेन के आतंकवाद रोधी कानून के तहत डोवर के पोर्ट इलाके से गिरफ्तार किया गया। उसे स्थानीय थाने में ले जाया गया और उसके बाद साथ लंदन थाने में ट्रांसफर किया गया। मेट्रोपोलिटन पुलिस के उप सहायक आयुक्त नील बसु ने कहा, ‘हमने अपनी जांच के सिलसिले में आज सुबह महत्वपूर्ण गिरफ्तारी की है। यद्यपि हम जांच में हुई प्रगति से खुश हैं, तब भी यह जांच जारी है और खतरे का स्तर गंभीर बना हुआ है।’’
पार्सन्स ग्रीन भूमिगत स्टेशन में एक ट्यूब ट्रेन में शुक्रवार सुबह के व्यस्त समय के दौरान IED विस्फोट के जरिए किए गए हमले में कम से कम 30 लोग घायल हो गए थे। बसु ने संकेत दिया कि बल अभी अन्य संदिग्धों की भी तलाश कर रहा है। बसु ब्रिटेन के आतंकवाद निरोधक पुलिसिंग के लिए वरिष्ठ राष्ट्रीय समन्वयक भी हैं। उन्होंने कहा, ‘इस गिरफ्तारी से हमारे अधिकारियों की ओर से और गतिविधियां होंगी। ठोस जांच कारणों की वजह से हम फिलहाल गिरफ्तार व्यक्ति के बारे में अधिक ब्योरा नहीं देंगे। लोगों को सतर्क रहना चाहिए क्योंकि हमारे कर्मचारी, अधिकारी और साथी इस जटिल जांच को जारी रखे हुए हैं। हम इस मौके पर अपना सुरक्षात्मक उपाय नहीं बदल रहे हैं।’
ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्री बेन वैलेस ने शनिवार तड़के कहा, ‘संभवत: कोई बेहद खतरनाक व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह है जिसका हमें पता लगाने की आवश्यकता है।’ मेट्रोपोलिटन पुलिस ने कहा कि अब तक जासूसों ने 45 गवाहों से बातचीत की है और गोपनीय आतंकवाद रोधी हॉटलाइन पर सूचना मिलनी जारी है। इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी ली है। मेट्रोपोलिटन पुलिस के सहायक आयुक्त मार्क राउले ने कहा कि ISIS के लिए हमले का दावा करना बेहद सामान्य है, भले ही उसमें वह शामिल हो या नहीं। ब्रिटेन में खतरे के स्तर में बदलाव की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने कहा कि सेना पुलिस को मदद प्रदान करेगी और जिन राष्ट्रीय आधारभूत ढांचा स्थलों तक आम लोगों की पहुंच नहीं है उनकी सुरक्षा में तैनात अधिकारियों की जगह लेगी।
यह ऑपरेशन टेंपरर का पहला चरण है जो आतंकवादी हमले का खतरा अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने पर सक्रिय होता है। व्यवस्था को 2006 में सार्वजनिक किए जाने के बाद यह चौथा मौका है जब राष्ट्रीय आतंकवादी खतरे के स्तर को बढ़ाकर गंभीर कर दिया गया है। पिछली बार गत मई में मैनचेस्टर एरेना बमबारी के बाद खतरे का स्तर बढ़ाया गया था। तब आशंका थी कि हमलावर फरार है और फिर हमला कर सकता है। स्वतंत्र संयुक्त आतंकवाद आकलन केंद्र द्वारा खतरे का स्तर बढ़ाकर गंभीर करने की सिफारिश किए जाने के बाद मे ने कल रात यह फैसला किया। खतरे का स्तर गंभीर किए जाने का मतलब है कि एक और हमले की आशंका है।