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ब्रिटेन के ऐतिहासिक चुनाव में जीते जॉनसन ने 31 जनवरी तक ब्रेक्जिट का संकल्प लिया

कंजर्वेटिव पार्टी के नेता ने कहा कि मजबूत नया जनादेश 31 जनवरी को 28 सदस्यीय आर्थिक समूह यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग होने के रास्ते पर बढ़ने के लिए मिला है। 

Reported by: Bhasha
Published on: December 13, 2019 22:32 IST
 Britain's Prime Minister Boris Johnson- India TV Hindi
Image Source : AP  Britain's Prime Minister Boris Johnson is greeted by staff as he returns to 10 Downing Street, London, after meeting Queen Elizabeth II at Buckingham Palace and accepting her invitation to form a new government.

लंदन। ब्रिटेन में हुए ऐतिहासिक चुनाव में मतदाताओं ने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को ‘‘शक्तिशाली नया जनादेश’’ दिया है। उनकी कंजर्वेटिव पार्टी को शुक्रवार को संसद में निर्णायक बहुमत मिला ताकि वह अगले महीने यूरोपीय संघ (ईयू) से ब्रिटेन के अलग होने के करार (ब्रेक्जिट) को अंतिम रूप दे सकें। साधारण नारे ‘‘ब्रेक्जिट होगा’’ से गहन प्रचार करने वाले 55 वर्षीय जॉनसन ने 1980 में मार्गरेट थैचर के बाद कंजर्वेटिव पार्टी को बहुमत दिलाया है।

जीत के बाद उन्होंने संकल्प लिया कि मतदाताओं के विश्वास पर खरा उतरने के लिए ‘‘दिन-रात’’ काम करेंगे। स्काई न्यूज ने बताया कि ब्रिटिश संसद के 650 सदस्यीय निम्न सदन हाउस आफ कॉमन्स में कंजर्वेटिव पार्टी को 365 सीटों पर जीत मिली है, जो बहुमत से 79 सीटें अधिक है। सेंट इव सीट के नतीजे सबसे आखिर में घोषित किए गए और इस सीट पर कंजर्वेटिव पार्टी ने 80 मतों से जीत दर्ज की।

ब्रिटेन में दशकों बाद शीत ऋतु में हुए मतदान में 67 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। विजयी रैली को संबोधित करते हुए जॉनसन ने इसे ब्रेक्जिट को लेकर जारी गतिरोध के लिए ‘‘नयी सुबह करार’’ दिया और दावा किया कि वह मतदाताओं की ओर से जताए गए ‘‘पवित्र विश्वास’’ को खंडित नहीं होने देंगे। इससे पहले जॉनसन ने स्वयं लंदन के उक्सब्रिज और साउथ रुइस्लिप से जीत दर्ज की।

Boris Jonson

Image Source : AP
Britain's Prime Minister Boris Johnson returns to 10 Downing Street after meeting with Queen Elizabeth II at Buckingham Palace, London, on Friday.

कंजर्वेटिव पार्टी के नेता ने कहा कि मजबूत नया जनादेश 31 जनवरी को 28 सदस्यीय आर्थिक समूह यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग होने के रास्ते पर बढ़ने के लिए मिला है। माना जा रहा है कि ब्रेक्जिट के मुद्दे पर लंबे समय से जारी गतिरोध से परेशान होकर मतदाताओं ने जॉनसन को विशाल जनादेश दिया है ताकि जनवरी तक वह ब्रिटेन को ईयू से अलग कर सकें और कोई अगर-मगर नहीं रहे।

उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसा लगता है कि एक राष्ट्रीय कंजर्वेटिव सरकार को ब्रेक्जिट करने के लिए मजबूत नया जनादेश दिया गया है। यह केवल ब्रेक्जिट के लिए ही नहीं बल्कि देश को एकजुट करने एवं आगे ले जाने के लिए भी है।’’ विजय रैली में अपनी महिला मित्र कैरी सायमंड के साथ मौजूद जॉनसन ने कहा, ‘‘ हमने कर दिखाया, हमने उसे गिरा दिया, हमने गतिरोध को खत्म कर दिया, हमने बंदिशें तोड़ दीं, हमने रास्ते के अवरोधों को खत्म कर दिया।’’

जोश से भरा विजयी भाषण देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि इस चुनाव के साथ हमने दूसरे जनमत के सभी खतरों का खात्मा कर दिया।’’ इस दौरान उन्होंने लोगों से ‘‘ ब्रेक्जिट होगा’’ के बार-बार नारे लगवाए। जॉनसन ने बकिंघम पैलेस में जाकर महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से मुलाकात की और औपचारिक रूप से नयी सरकार गठित करने की अनुमति मांगी।

इस चुनाव में विपक्षी लेबर पार्टी को केवल 203 सीटें मिली हैं। यह पार्टी का दशकों बाद सबसे खराब प्रदर्शन है, जिसके बाद पार्टी नेता जेरेमी कॉर्बिन ने इस्तीफा देने की घोषणा की है। कॉर्बिन ने कहा, ‘‘यह लेबर पार्टी के लिए निराश करने वाली रात है, मैं भविष्य के किसी आम चुनाव में पार्टी का नेतृत्व नहीं करूंगा।’’

उल्लेखनीय है कि 70 वर्षीय लेबर नेता स्वयं लदंन के इसलिंगटन नार्थ सीट से जीत दर्ज करने में कामयाब हुए हैं। इस हार के लिए कॉर्बिन के नेतृत्व, ब्रेक्जिट पर स्पष्ट रुख लेने में उनकी असमर्थता और पार्टी के भीतर यहूदी विरोध बढ़ने के आरोपों का ठीक ढंग से जवाब देने में नाकामी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग करने वाले प्रस्ताव पारित करने के बाद पार्टी की कथित भारत विरोधी छवि बनी और माना जा रहा है कि पारंपरिक रूप से लेबर पार्टी के साथ रहे भारतीय मूल के मतदाताओं का मोह भंग हुआ। जॉनसन के भारी बहुमत से दोबारा निर्वाचित होने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ मैं उन्हें अपनी शुभकामनाएं देता हूं और भारत-ब्रिटेन संबंधों को और प्रगाढ़ करने के लिए मिलकर काम करने का इच्छुक हूं।’’

कंजर्वेटिव पार्टी ने पूर्व में लेबर पार्टी के गढ़ माने जाने वाले इलाकों में भी बढ़त बनाई। लेबर पार्टी को उत्तरी इंग्लैंड, मिडलैंड और वेल्स इलाकों में हार मिली जहां पर 2016 के जनमत संग्रह में यूरोपीय संघ छोड़ने के पक्ष में मतदान किया गया था।

जॉनसन की पिछली सरकार में मंत्री रही प्रीति पटेल ने एक्जिट पोल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘ यह चुनाव साल के सर्द दिनों में मुश्किल से लड़ा गया क्योंकि हमें काम करने के लिए कंजर्वेटिव पार्टी के बहुमत की जरूरत थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी प्राथमिकताओं को पूरी करने और ब्रेक्जिट को प्राथमिकता के आधार पर करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। समझौता सामने है और हम उस पर आगे बढ़ना चाहते हैं।’’

यह 1935 के बाद लेबर पार्टी की सबसे करारी हार है। पार्टी को उत्तरी इंग्लैंड में भी हार मिली है और लगता है कि मतदाताओं ने ब्रेग्जिट के मुद्दे पर मतदान किया है। लेबर पार्टी की ओर से वित्त मंत्री प्रत्याशी जॉन मैक्डोनेल ने कहा, ‘‘ब्रेक्जिट चुनाव पर हावी रहा। अगर नतीजे एग्जिट पोल के पास रहे तो बहुत ही निराशाजनक होंगे।’’

गौरतलब है कि जॉनसन ने कंजर्वेटिव पार्टी को बहुमत दिलाने और ब्रेग्जिट को लेकर हाउस ऑफ कॉमन्स में गतिरोध तोड़ने की कवायद के तहत मध्यावधि चुनाव की घोषणा की थी। यह तकरीबन एक सदी में ब्रिटेन के दिसंबर में हुए पहले आम चुनाव हैं और मतदाताओं ने ठिठुरती ठंड में घरों से बाहर निकलकर वोट डाला। पांच साल में तीसरी बार और 2016 में यूरोपीय संघ से अलग होने के मुद्दे पर जनमत संग्रह होने के बाद दूसरी बार ब्रिटेन में आम चुनाव हुए हैं।

इस साल के शुरुआत में थेरेसा मे से सत्ता लेने वाले जॉनसन ने 31 अक्टूबर तक ब्रेक्जिट की समयसीमा तय की थी, लेकिन हाउस ऑफ कॉमन्स में बहुमत नहीं होने के कारण उन्हें बाधा का सामना करना पड़ा। चुनाव प्रचार के दौरान जॉनसन ने ‘‘ब्रेक्जिट करेंगे’’ मुद्दे पर लगातार ध्यान केंद्रित किया।

उन्होंने मतदाताओं से वादा किया कि अगर उन्हें बहुमत मिला तो 31 जनवरी 2020 तक ब्रिटेन यूरोपीय संघ से अलग हो जाएगा। इसके विपरीत विपक्षी और प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार लेबर पार्टी के नेता कॉर्बिन ने ब्रेक्जिट और यूरोपीय संघ में बने रहने पर फिर से विचार करने के लिए दूसरा जनमत संग्रह कराने का वादा किया था।

इस बीच, यूरोपीय संघ (ईयू) के आंतरिक बाजार आयुक्त थियेरी ब्रेटन ने कहा कि संगठन को लंदन से अपने संबंध दोबारा स्थापित करने होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि ब्रिटेन के साथ संबंधों को दोबारा स्थापित करना होगा जो महत्वपूर्ण साझेदार है।’’

ब्रेटन ने कहा कि ईयू ब्रिटेन के साथ संतुलित कारोबारी रिश्ते चाहता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि शुक्रवार को ब्रसेल्स में होने वाली यूरोपीय परिषद की बैठक में ईयू के मुख्य वार्ताकार माइकल बार्नियर को लंदन से बातचीत के लिए नए अधिकार दिए जाएंगे। ब्रेटन ने कहा कि भविष्य में होने वाले व्यापार समझौते में ईयू की सामाजिक और पर्यावरण मानकों को ब्रिटेन के साथ व्यापार में भी लागू किया जाएगा।

जॉनसन की जीत पर रूस ने कहा कि वह हमेशा उम्मीद करता है कि चुनाव में उन शक्तियों को आवाज मिलेगी जो अच्छे संबंध के हिमायती हैं लेकिन ब्रिटेन में कजंर्वेटिव पार्टी को लेकर निश्चित नहीं है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने जॉनसन की जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘ मुझे नहीं पता कि कंजर्वेटिव के बारे में ऐसी उम्मीदें कितनी सही है।’’

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