लंदन: भारत के पिछड़े इलाकों में शादी के लिए मासूम लड़कियों को बेचे जाने की घटनाएं अकसर सामने आती हैं। कुछ ऐसा ही हाल पूर्वी यूरोप के कई देशों का भी है, जहां बीते कुछ सालों में शादी के लिए लड़कियों की खरीद-फरोख्त बढ़ गई है। यही नहीं इनमें से अधिकतर शादियां फर्जी होती हैं और महज यूरोपीय नागरिकता हासिल करने के लिए इनसे लोग शादी कर लेते हैं और अपना काम बनने पर उन्हें उनके हाल पर छोड़ कर चले जाते हैं।
18 साल की कारा बालोगोवा को भी कुछ साल पहले स्लोवाकिया से हजारों मील दूर इंग्लैंड लाया गया था, जहां एक 23 वर्षीय पाकिस्तानी युवक से उसकी शादी करा दी गई। लेकिन फिलहाल वह अकेली और पैसों के लिए मोहताज है। वह अपने कथित पति के बच्चे की मां भी बनने वाली है।
बालोगोवा का पाकिस्तानी पति उसे अपनी पत्नी के तौर पर दिखाकर ब्रिटेन की नागरिकता लेकर उसे छोड़कर कर चंपत हो गया है। अब वह आसानी से इंग्लैंड में रह सकता है, लेकिन बालोगोवा का क्या, जो अब दर-दर की ठोकरें खा रही है। बालोगोवा को चंद रुपयों के लालच में ब्रिटेन लाया गया था। बालोगोवा ने अपनी व्यथा जताते हुए कहा, 'वह मुझे कभी कहीं लेकर नहीं गया। उसका कहना था कि ऐसा संभव नहीं है।'
बालोगोवा एक अकेली उदाहरण नहीं है, हर साल तमाम लड़कियों को पश्चिमी यूरोप के पिछड़े देशों की लड़कियों को चंद पैसों का लालच देकर ब्रिटेन और अन्य पश्चिमी यूरोप के देशों में लाया जाता है। जहां कुछ प्रवासी उनसे शादी कर नागरिकता हथिया लेते हैं तो कुछ लोग सिर्फ अपनी शारीरिक हवस पूरी करने के लिए उनका इस्तेमाल करते हैं।
इस तरह के मामलों की पड़ताल कर चुके एक शख्स ने बताया, 'हर साल बड़ी संख्या में इस तरह की लड़कियों को यहां शादी के लिए बेचा जाता है। एशिया और अफ्रीका के बहुत से लोग हैं, जो यहां बसना चाहते हैं, उन लोगों के लिए फर्जी शादी करना ही सबसे बेहतर हथियार होता है। वह लड़कियां उपलब्ध कराने के लिए मनमानी रकम देने को तैयार रहते हैं।' ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी के मुताबिक इस तरह के मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 2014 में ही 2013 की तुलना में ऐसे मामले बढ़कर दोगुने हो गए। लड़कियों को अधिकतर जर्मनी, ब्रिटेन, आयरलैंड और