बर्लिन: यूरोपीय संघ (EU) के 6 संस्थापक देशों ने ब्रिटेन के ईयू से बाहर निकलने के फैसले (Brexit) के बाद ईयू के भविष्य पर चर्चा करने के लिए शनिवार को बर्लिन में बैठक की। समाचार एजेंसी 'एफे' के मुताबिक, ब्रिटेन के जनमत संग्रह के नतीजे आने के बाद जर्मनी, फ्रांस, इटली, बेल्जियम, नीदरलैंड और लक्जमबर्ग के राजनयिकों के बीच पहली बैठक हुई है। जनमत संग्रह में 52% ब्रिटिश नागरिकों ने ईयू से अलग होने के पक्ष में मतदान किया।
जर्मनी के विदेश मंत्री फ्रैंक वॉल्टर स्टीनमीयर ने बैठक से ठीक पहले कहा कि ब्रेक्सिट के 'झटके' के बाद अब ईयू में शेष बचे 27 देशों की सरकारों की 'उम्मीदों', 'संवेदनशील बिंदुओं' और 'सोच' को एकत्र किया जाना जरूरी है।
जर्मनी के राजनयिक ने साथ ही कहा कि शरणार्थी संकट, दक्षिणी यूरोप में रोजगार और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों जैसे कई प्राथमिक मुद्दों पर ध्यान दिया जाना जरूरी है।
बेल्जियाई विदेश मंत्री दिदियार रेयंडर्स ने साझेदारों यानी 27 ईयू देशों के साथ मिलकर और ज्यादा प्रयास करने पर बल दिया, जबकि उनके डच समकक्ष बर्ट कोएंडर्स ने सहयोग के नए 'रचनात्मक और अभिनव' तरीके ढूंढ़ने पर बल दिया।
इस बैठक में अन्य ईयू देशों के सम्मिलित न होने को लेकर आलोचनाओं के जवाब में स्टीनमीयर ने कहा कि शुक्रवार को लक्जमबर्ग में ईयू के सभी विदेश मंत्रियों की बैठक में इस पर विचार-विमर्श किया गया था। यह बैठक ईयू जनमत संग्रह के नतीजे से पहले ही निर्धारित कर ली गई थी।
जर्मनी के मंत्री ने कहा कि आगामी दिनों में इसे लेकर और बैठकें आयोजित की जाएंगी।