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अंटार्कटिका से अलग हुआ बड़ा हिमखंड, दुनिया पर मंडराया खतरा

वैज्ञानिकों ने आज कहा कि करीब एक खरब टन का हिमशैल (अब तक के दर्ज आंकड़ों में सबसे बड़ा) कई महीनों के पूर्वानुमान के बाद अंटार्कटिका से टूटकर अलग हो गया है और अब दक्षिणी ध्रुव के आसपास जहाजों के लिये गंभीर खतरा बन सकता है।

Edited by: India TV News Desk
Published : July 13, 2017 13:13 IST
Big Iceberg separated from Antarctica hazardous threat to...
Big Iceberg separated from Antarctica hazardous threat to the world

लंदन: वैज्ञानिकों ने आज कहा कि करीब एक खरब टन का हिमशैल (अब तक के दर्ज आंकड़ों में सबसे बड़ा) कई महीनों के पूर्वानुमान के बाद अंटार्कटिका से टूटकर अलग हो गया है और अब दक्षिणी ध्रुव के आसपास जहाजों के लिये गंभीर खतरा बन सकता है। लार्सन सी बर्फ की चट्टान से 5800 वर्ग किलोमीटर का हिस्सा अलग हो जाने से इसका आकार 12 फीसदी से ज्यादा घट गया है और अंटार्कटिक प्रायद्वीप का परिदृश्य हमेशा के लिये बदल गया है। (चीन पर बढ़ा नोबेल पुरस्कार विजेता लियू शियाबो को रिहा करने का दबाव)

अंटार्कटिका से हमेशा हिमशैल अलग होते रहते हैं लेकिन यह क्योंकि खास तौर पर बड़ा है ऐसे में महासागर में जाने के इसके रास्ते पर निगरानी की जरूरत है क्योंकि यह नौवहन यातायात के लिये मुश्किलें पैदा कर सकता है।

सालों से पश्चिमी अंटार्कटिक हिम चट्टान में बढ़ती दरार को देख रहे शोधकर्ताओं ने कहा कि यह घटना 10 जुलाई से लेकर आज के बीच किसी समय हुई है। इस हिमशैल को A68 नाम दिये जाने की संभावना है और यह एक खरब टन से ज्यादा वजनी है। इसका विस्तार सबसे बड़ी लहरों में से एक लेक इरी के विस्तार से दो गुना है। इस हिमशैल के टूटने से पर्यावरण पर इसका बहुत ही खतरनाक असर पड़ेगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक वैश्विक समुद्री स्तर में 10 सेमी की बढ़ोत्तरी होगी।  इस हिमशैल के टूटने का कारण पूछने पर वैज्ञनिकों ने बताया कि, हिमशैल के टूटने में कार्बन उत्सर्जन का बहुत बड़ा हाथ है। उनका कहना है कि कार्बन उत्सर्जन होने से वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी हो रही है। जिससे ग्लेशियर पिघल रहे हैं।

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