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कोरोना वायरस की चौथी लहर का खतरा! इस देश में फिर से लगाया जाएगा लॉकडाउन

ऑस्ट्रिया ने शुरु में केवल उन लोगों के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की शुरुआत की थी, जिनका वैक्सीनेशन नहीं हुआ है लेकिन संक्रमण के मामले बढ़ने पर सरकार ने सभी के लिए इसे लागू कर दिया। 

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : November 19, 2021 20:20 IST
Austria reimposes full lockdown, plans to make COVID vaccines compulsory
Image Source : AP ऑस्ट्रिया ने अपने मुल्क में कोरोना की रोकथाम के लिए फिर से पूर्ण लॉकडाउन की ओर कदम बढ़ा दिया है।

Highlights

  • कोरोना वायरस की चौथी लहर पर काबू पाने के लिए देश में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया जाएगा।
  • किंडरगार्टन और स्कूल उन लोगों के लिए खुले रहेंगे जिन्हें वहां जाने की जरूरत है।
  • राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन शुरू में 10 दिनों तक चलेगा, फिर प्रभावों का आकलन किया जाएगा।

बर्लिन: ऑस्ट्रिया पूर्वी यूरोप का ऐसा पहला देश बन गया है, जिसने अपने मुल्क में कोरोना की रोकथाम के लिए फिर से पूर्ण लॉकडाउन की ओर कदम बढ़ा दिया है। ऑस्ट्रिया के चांसलर एलेक्जेंडर शालेनबर्ग ने कहा है कि कोरोना वायरस की चौथी लहर पर काबू पाने के लिए देश में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया जाएगा। शालेनबर्ग ने कहा कि लॉकडाउन सोमवार से शुरू होगा और दस दिन के लिए प्रभावी रहेगा। इसमें छात्रों के लिए स्कूलों में प्रत्यक्ष कक्षाएं नहीं लगेंगी, रेस्टारेंट और सांस्कृतिक कार्यक्रम पर भी रोक होगी। 

देश के स्वास्थ्य मंत्री वोल्फगैंग म्यूकस्टीन ने बाद में कहा कि किंडरगार्टन और स्कूल उन लोगों के लिए खुले रहेंगे जिन्हें वहां जाने की जरूरत है लेकिन सभी माता-पिता से कहा गया कि यदि संभव हो तो अपने बच्चों को घर पर रखें। किंडरगार्टन (बालवाड़ी) खेल के माध्यम से छह वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा देने संबंधी एक विशेष पद्धति है। इस बीच सरकारी प्रसारणकर्ता ओआरएफ की खबर के मुताबिक एक फरवरी से देश में कोविड वैक्सीनेशन भी अनिवार्य कर दिया जाएगा। 

खबर के अनुसार शालेनबर्ग ने कहा, ‘‘हम पांचवीं लहर नहीं चाहते हैं।’’ ऑस्ट्रिया ने शुरु में केवल उन लोगों के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की शुरुआत की थी, जिनका वैक्सीनेशन नहीं हुआ है लेकिन संक्रमण के मामले बढ़ने पर सरकार ने सभी के लिए इसे लागू कर दिया। शालेनबर्ग ने कहा, ‘‘यह बहुत दर्दनाक है।’’ राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन शुरू में 10 दिनों तक चलेगा, फिर प्रभावों का आकलन किया जाएगा और यदि वायरस के मामले पर्याप्त रूप से कम नहीं हुए, तो इसे अधिकतम 20 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है। 

ऑस्ट्रिया के गहन देखभाल चिकित्सकों ने सरकार के फैसले का स्वागत किया। सोसाइटी फॉर एनेस्थिसियोलॉजी, रिससिटेशन एंड इंटेंसिव केयर मेडिसिन के अध्यक्ष वाल्टर हसीबेडर ने ऑस्ट्रियाई समाचार एजेंसी एपीए को बताया, ‘‘हमने संक्रमण के रिकॉर्ड आंकड़े दिन प्रतिदिन अनुभव किए हैं। अब मामलों पर काबू पाया जाना बहुत आवश्यक है।’’ पिछले सात दिनों से देश में संक्रमण के प्रतिदिन 10,000 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। अस्पतालों में संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है और इस महामारी से होने वाली मौतों की संख्या भी बढ़ रही है। 

ऑस्ट्रिया में अब तक इस वायरस से 11,525 लोगों की मौत हो चुकी है। शालेनबर्ग ने कहा कि कई तरह के प्रयासों और अभियानों के बावजूद कुछ ही लोगों ने वैक्सीनेशन कराने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि देश में फरवरी में वैक्सीनेशन अनिवार्य किये जाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है।’’ चांसलर ने कहा कि आने वाले हफ्तों में विवरण को अंतिम रूप दिया जाएगा, लेकिन जो लोग वैक्सीनेशन से इनकार करते रहे, उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है।

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