वियना: ऑस्ट्रिया की एक अदालत ने अपने बच्चों को सीरिया मैं इस्लामिक स्टेट समूह के कब्जे वाले इलाके में रहने के लिए ले जाने और उन्हें हत्या के वीडियो दिखाने के जुर्म में 2 दंपत्तियों को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है। दक्षिणी शहर ग्राज में सुनवाई के दौरान बताया गया कि दोनों व्यक्ति दिसंबर 2014 में अपनी-अपनी पत्नियों के साथ कुल 8 बच्चों को लेकर सीरिया गये थे। उनमें सबसे छोटे बच्चे की उम्र 2 साल थी।
इस्लामिक स्टेट के कब्जे वाले इलाके में इन लोगों को रखा गया और बच्चों को सिखाने के लिए भयानक वीडियो दिखाए गए। यहां तक कि सिर कलम करने की एक घटना के समय वहां 7 साल का एक लड़का भी मौजूद था। 49 वर्षीय हसन ओ ने अदालत में अपने बचाव के दौरान इस्लामिक स्टेट समूह का सदस्य होने से इंकार कर दिया और कहा कि वह घायल सैनिकों के इलाज के लिए काम करता था। सुनवाई के दौरान उसने बताया, ‘मैंने ग्राज में एक मस्जिद में सुना कि आप यहां अपने बच्चों और महिलाओं के साथ इस्लामिक कानून के मुताबिक ही स्वतंत्रतापूर्वक रह सकते हैं।’
उसने कहा कि वह वहां केवल 10 से 12 दिन गुजारना चाहता था। लेकिन उसकी यह चाहत जल्दी ही बुरे सपने में बदल गयी और उनका परिवार अप्रैल 2016 में सीरिया छोड़ कर तुर्की चला गया और तुर्की ने उन्हें ऑस्ट्रिया को सौंप दिया। हसन ओ और उसकी पत्नी काटा ओ, एनेस एस और उनकी पत्नी मिशेला एस को आतंकवादी संगठन से संबंध रखने और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करने और उनकी उपेक्षा करने का दोषी पाया गया। अदालत ने चारों दोषियों को 10-10 साल की सजा सुनाई। काटा ओ को 9 साल के कारावास की सजा दी गई। सभी आरोपी ऑस्ट्रियाई मुसलमान थे, जबकि मिशेला एस बोस्निया की थीं, लेकिन सभी के पास ऑस्ट्रिया की नागरिकता थी।