Tuesday, November 26, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. यूरोप
  4. ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने बड़े और प्राचीन जलमग्न ज्वालामुखियों की खोज की

ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने बड़े और प्राचीन जलमग्न ज्वालामुखियों की खोज की

मेलबर्न: समुद्री झींगे के लार्वा की खोज कर रहे ऑस्ट्रेलियाई विग्यानियों के एक दल ने सिडनी के तट से लगभग 250 किलोमीटर दूर जलमग्न ज्वालामुखियों के एक समूह की खोज की है। माना जा रहा

Bhasha
Published on: July 13, 2015 13:24 IST
वैज्ञानिकों  ने बड़े ...- India TV Hindi
वैज्ञानिकों ने बड़े जलमग्न ज्वालामुखियों की खोज की

मेलबर्न: समुद्री झींगे के लार्वा की खोज कर रहे ऑस्ट्रेलियाई विग्यानियों के एक दल ने सिडनी के तट से लगभग 250 किलोमीटर दूर जलमग्न ज्वालामुखियों के एक समूह की खोज की है। माना जा रहा है कि ये ज्वालामुखी पांच करोड़ साल पुराने हैं। ऑस्ट्रेलिया की नई समुद्री शोध नौका इनवेस्टिगेटर द्वारा समुद्र तल के सोनर मानचित्रण के दौरान यह चार बड़े जलमग्न ज्वालामुखी पाए गए। यह दल पिछले महीने समुद्री झींगे के लार्वा की नर्सरी की खोज कर रहा था, उसी दौरान उसे यह ज्वालामुखी प्राप्त हुए।

इस यात्रा दल के मुख्य वैज्ञानिक इयान सुदर्स ने बताया, यह यात्रा बेहद सफल रही, न केवल हमने सिडनी के इतने पास ज्वालामुखियों को पाया बल्कि हम यह पाकर भी चकित रहे कि सिडनी का तटीय इलाका समुद्री झींगे के लार्वा के लिए भी एक प्रमुख स्थल है वह भी ऐसे समय में जब हमें इसकी उम्मीद नहीं थी। समूह में पाए गए यह चार विलुप्त ज्वालामुखी दरअसल ज्वालामुखी के मुख हैं। इनका निर्माण ज्वालामुखियों के फूटने के बाद उसमें से निकले लार्वा के भूमि पर ईद गिर्द गिरने से होता है जिससे एक बड़ी सी झील का निर्माण हो जाता है। इससे बनी झील की चौड़ाई लगभग डेढ़ किलोमीटर है। इस समूह के पांच करोड़ साल पुराने होने का अनुमान है।

ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के रिचर्ड आर्कुलस ने बताया कि इस तरह के ज्वालामुखी समुद्र तल में एक खिड़की की तरह है। आर्कुलस ज्वालामुखी अध्ययन के वैश्विक विशेषग्यों में से एक हैं। उन्होंने कहा, यह ज्वालामुखी हमें बता सकते हैं कि चार करोड़ से आठ करोड़ साल पहले कैसे न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया एक दूसरे से अलग हुए। धरती की पर्पटी के रहस्यों को उजागर करने में यह वैज्ञानिकों की मदद कर सकते हैं। आर्कुलस ने बताया कि पहले समुद्र तल का मानचित्रण केवल तीन हजार मीटर की गहराई तक ही मुमकिन था लेकिन इस नई जांच नौका से किसी भी गहराई पर समुद्र तल का मानचित्रण संभव है। इसका अर्थ है कि ऑस्ट्रेलिया की संपूर्ण समुद्रीय सीमा अब इसकी पहुंच में है।

 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Europe News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement