मेड्रिड: हाल ही में स्पेन की कोर्ट ने एक ऐसा बयान जारी किया जिसके बाद हजारों की संख्या में लोगों ने सड़कों पर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। दरअसल, 2 साल पहले स्पेन के चर्चिक बुल फेस्टिवल में 18 साल की एक लड़की का 5 लोगों ने रेप किया। रेप के दौरान लड़की का वीडियो बनाया गया और उसे व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर भी किया गया था। इस मामले को कोर्ट में आरोपियों के वकील ने इस बात को इस तरह पेश किया कि महिला ने सहमति दी थी। आरोपियों ने कोर्ट में लड़की की कुछ फोटोज भी दिखाई है। इस घटना के कुछ दिन बाद एक प्राइवेट इन्वेस्टिगेटर ने महिला का पीछा किया था और उसकी हंसते और फ्रेंड्स के साथ बातें करते हुए तस्वीरें क्लिक कर ली थीं। (दक्षिण कोरिया ने लिया उत्तर कोरियाई सीमा से लाउडस्पीकर हटाने का फैसला )
लड़की की हंसते और मुस्कुराते हुए फोटो को अदालत में दिखाकर आरोपियों ने कहा कि रेप के दौरान लड़की दर्द से नहीं गुजरी थी। जबकि, लड़की के वकील ने आरोपियों के इस तर्क का कड़ा विरोध किया। इस मामले की सुनवाई करीब 2 साल तक चली। कोर्ट ने आरोपियों को सेक्शुअल एब्यूज का आरोपी मानकर उन्हें बरी कर दिया। रेप करने के बावजूद आरोपियों को केवल 9 साल की सजा सुनाई गई। लड़की के वकील ने आरोपियों के लिए 22 साल की सजा की मांग की थी।
कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी आरोपी महिला को 8-8 लाख रूपए जुर्माना राशि के तौर पर देंगे। स्पेन में वर्तमान कानून के मुताबिक, रेप साबित करने के लिए पीड़ित को यह भी प्रूव करना होता है कि आरोपी हिंसक और डराने वाली हरकत कर रहा था। इस कानून को स्पेन के नेताओं ने बदलने का वादा किया है। स्पेन की नेशनल पुलिस ने भी महिला का पक्ष लिया है और लिखा- नहीं, मतलब नहीं।