अंकारा: तुर्की के प्रधानमंत्री बिनाली यिलदिरीम ने 15 जुलाई का दिन तुर्की में लोकतंत्र महोत्सव दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की है। इसी दिन तुर्की के आम नागरिकों ने सैन्य तख्तापलट की कोशिशों को नाकाम कर दिया था। समाचार पत्र 'हुर्रियत' की रिपोर्ट के मुताबिक, यिलदिरीम ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की सैन्य तख्तापलट की कोशिशों पर रोकथाम के लिए संसद में चर्चा होगी और हालिया साजिशकर्ताओं को सख्त सजा देने के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
प्रधानमंत्री कार्यालय में हुए इस संवाददाता सम्मेलन में यिलदिरीम के साथ तुर्की के सेना प्रमुख जनरल हुलुसी अकार भी थे। शुक्रवार की रात हुई सैन्य तख्तापलट की साजिश के दौरान अकार को साजिशकर्ता सैनिकों ने बंधक बना लिया था। बाद में उन्हें छुड़ा लिया गया।
सैन्य साजिश विफल करने के बाद प्रधानमंत्री यिलदिरीम से सबसे बड़ा प्रश्न यह पूछा गया कि क्या राजद्रोह के आरोपी तख्तापलट में शामिल सैनिकों के लिए फिर से मौत की सजा लागू की जाएगी। यिलदिरीम ने कहा, "आप सभी को पता ही है कि हमारी विधिक प्रणाली से मौत की सजा का प्रावधान खत्म किया जा चुका है। ऐसे में हम अन्य राजनीतिक दलों से चर्चा करेंगे कि ऐसे क्या उपाय अपनाएं जाएं कि भविष्य में इस तरह के तख्तापलट की साजिश से बचा जा सके।"
हुर्रियत अखबार के मुताबिक, यिलदिरीम ने कहा, "15 जुलाई तख्तापलट की साजिश के कारण लोकतंत्र पर काला धब्बा हो सकता था, लेकिन तुर्की के आम नागरिकों की लोकतंत्र और आजादी के प्रति निष्ठा का मैं आभारी हूं जिन्होंने इस दिन को लोकतंत्र के महोत्सव में तब्दील कर दिया। हमारे लोगों ने इस आतंकी गिरोह को सबसे बेहतर जवाब दिया है।"