रूस-यूक्रेन युद्ध को 2 वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक इसका कोई हल नहीं निकाला जा सका है। भारत शुरू से ही रूस-यूक्रेन युद्ध को बातचीत के जरिये खत्म करने की अपील करता रहा है। पीएम मोदी के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और यूक्रेन के प्रेसिडेंट व्लादिमिर जेलेंस्की के साथ अच्छे रिश्ते हैं। ऐसे में यूक्रेन को भारत से बड़ी उम्मीदें हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति लाने की उम्मीद में जेलेंस्की ने अपने विदेश मंत्री द्विमित्रो कुलेबा को भारत भेजा है। जेलेंस्की को उम्मीद है कि पीएम मोदी और एस जयशंकर रूस से बाचती कर युद्ध में शांति को लेकर कोई न कोई उपाय जरूर खोज लेंगे।
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा रूस के साथ चल रहे संघर्ष के बीच कीव के शांति प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए आज नई दिल्ली में अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से मुलाकात कर रहे हैं। गुरुवार (28 मार्च) को दक्षिण एशियाई देश की दो दिवसीय यात्रा शुरू करने वाले कुलेबा भारत और यूक्रेन के बीच संबंधों को मजबूत करना भी चाहते हैं। आज (29 मार्च) विदेश मंत्री (ईएएम) जयशंकर के साथ बैठक के अलावा, यूक्रेनी विदेश मंत्री भारतीय उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिस्री के साथ भी बातचीत करेंगे।
यूक्रेन के विदेश मंत्री की पहली भारत यात्रा
2020 में यूक्रेन के विदेश मंत्री बनने के बाद कुलेबा की यह पहली भारत यात्रा है। कुलेबा का मुख्य एजेंडा स्विट्जरलैंड में होने वाले शांति शिखर सम्मेलन के लिए भारत से समर्थन जुटाना है। कुलेबा को अंतरराष्ट्रीय शांति शिखर सम्मेलन के लिए भारत का समर्थन मिलने की उम्मीद है। यह सम्मेलन तटस्थ स्विट्जरलैंड संभवतः वसंत ऋतु में आयोजित करेगा। सम्मेलन की तारीखों की अभी घोषणा नहीं की गई है।राष्ट्रपति व्लादिमिर ज़ेलेंस्की के 10-सूत्रीय शांति प्रस्ताव के लिए समर्थन जुटाने के लिए शिखर सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई है। जिसे जेलेंस्की हमेशा रूस के सामने रखते रहे हैं। जनवरी में स्विस राष्ट्रपति वियोला एमहर्ड ने कहा कि उनका देश वैश्विक शांति शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। स्विस सरकार ने उस समय कहा, "यूक्रेनी राष्ट्रपति के अनुरोध पर, स्विट्जरलैंड शांति सूत्र पर एक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए सहमत हो गया है।"
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