रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बड़ी मुसीबत फिलहाल के लिए टल चुकी है। प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ मोर्चा कोल दिया था। इस बीच अब वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन और उनके 25 हजार लड़ाकों तथा रूसी सरकार के बीच शायद समझौता हो चुका है। बताया जा रहा है कि कथित तौर पर रूसी शहर रोस्तोव ऑन डॉन पर वैगनर आर्मी ने कब्जा जमा लिया है। बीते कल ऐसा लग रहा था कि ये प्राइवेट आर्मी रूस में तख्ता पलट कर सकती है। लेकिन क्या आपको पता है कि येवगेनी प्रिगोझिन के अलावा भी कई ऐसे लोग हुए हैं जिन्होंने व्लादिमीर पुतिन के लिए कभी चुनौती खड़ी की थी।
दिमित्री उत्किन
दिमित्री उत्किन भी प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप का हिस्सा रह चुका है। यह एख ऑपरेशनल कमांडर और पर्दे के पीछे रहने वाला नेता है। उत्किन रूस के स्पेट्सनाज विशेष बल का एख सिनिस्टर पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल है। उत्किन एक कट्टर राष्ट्रवादी है जो नाजी टैटू बनवाता है और कथित तौर पर हिटलर के प्रति आकर्षित रहता है।
एंड्री ट्रोशेव
एंड्री ट्रोशेव भी वैगनर ग्रुप का हिस्सा रह चुका है जो कि रूस की सेना में कर्नल के पद पर रह चुका है। उसे 'रूसी फेड रेशन के हीरो' की उपाधी भी दी जा चुकी है। यह रूस का सर्वश्रेष्ठ सैन्य सम्मान है। उत्किन और टोशेव दोनों लड़ाकों को साल 2015 में राजकीय सम्मान दिया गया था।
कॉन्स्टेंटिन पिकालोव
कॉन्स्टेंटिन पिकालोव को वैगनर ग्रुप का वो हिस्सा माना जाता है जो ऑपरेशन्स के लिए जाना जाता है। पिकालोव को अक्सर उसके कोडनेम माजे से जाना जाता है। यह भी एक अन्य रूसी सशस्त्र बल का अनुभवी सैनिक रहा है। यह अफ्रीकी महाद्वीप में पीएमसी के ऑपरेशन का प्रभारी है। साथ ही यह प्राइवेट सिक्योंरिटी कंपनी कॉन्वॉय का भी प्रमुख है।
इगोर कोस्ट्युकोव
यह एक नौसेनिक एडमिरल हैं और नवंबर 2018 से रूस की जीआरयू सैन्य खुफिया इकाई के भी प्रमुख हैं। शुरुआती समय में इन्हें प्रत्यक्ष तौर पर वैगरन ग्रुप में शामिल नहीं किया गया था। हालांकि बाद में ये भी वैगनर ग्रुप में शामिल हो गए थे।
एलेक्सी ड्युमिन
एलेक्सी ड्युमिन राष्ट्रपति के पूर्व निजी सिक्योरिटी गार्ड और विश्वासपात्र थे। उन्होंने कथित तौर पर अपने बॉस का प्यार और विश्वास तब हासिल किया जब वह राष्ट्रपति आवास में एक भालू से भिड़ गए थे। ड्युमिन डिप्टी रक्षा मंत्री हैं साथ ही जीआरयू के डिप्टी चीफ भी हैं।