Year Ender 2024: साल 2024 जाने वाला है और दुनिया नए साल का स्वागत करने के लिए तैयार है। साल 2024 के आखिरी कुछ दिन बचे हैं ऐसे में यह वक्त है इस साल की घटनाओं पर नजर डालने का है। साल 2024 में दुनिया ने कई गंभीर संकटों का सामना किया। विश्वभर में कई महत्वपूर्ण घटनाएं और हादसे हुए हैं। ये घटनाएं ना केवल प्रभावित करने वाली रहीं, बल्कि इनका असर लंबे समय तक देखने को मिलेगा। प्राकृतिक रही हों या मानवीय चलिए 2024 की प्रमुख घटनाओं पर एक नजर डालते हैं।
प्राकृतिक आपदाएं
भूकंप: साल 2024 में कई स्थानों को कुदरत का कहर झेलना पड़ा। जनवरी 2024 में, टोक्यो में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया। इस भूकंप ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया और कई इमारतें ध्वस्त हो गईं। हजारों लोग बेघर हो गए और सैकड़ों की जान चली गई। भूकंप के बाद आने वाले आफ्टरशॉक्स ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया। जापान ही नहीं अमेरिका से लेकर अफगानिस्तान तक दुनिया के तमाम हिस्सों में भूकंप ने लोगों में दहशत पैदा कर दी।
मानवीय त्रासदी
युद्ध और संघर्ष: 2024 में कई देशों में युद्ध और संघर्ष जारी रहे। यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष में हजारों लोग मारे गए और लाखों लोग विस्थापित हुए। इसी तरह, मिडिल ईस्ट में भी संघर्ष जारी रहे, जिसमें सीरिया और यमन प्रमुख रहे। इजरायल और हमास के बीच युद्ध अब भी जारी है। एक समय तो ऐसा भी आया जब दुनिया को लगा कि इजरायल और ईरान के बीच जंग बढ़ सकती है।
प्रवासी संकट: अफ्रीका और मध्य पूर्व के कई हिस्सों में जारी संघर्ष और अस्थिरता के कारण प्रवासी संकट गहराता गया। यूरोप और अन्य विकसित देशों में शरणार्थियों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई। कई बार इस तरह के हादसे भी देखने को मिले जब प्रवासियों से भरी नाव समंदर में ही डूब गई और सैकड़ों का संख्या में लोग मारे गए।
स्वास्थ्य संबंधी आपदाएं
महामारी का प्रसार: कोविड-19 के नए वेरिएंट्स के साथ ही, 2024 में एक अन्य घातक महामारी ने दस्तक दी। इस महामारी ने अफ्रीका और एशिया के कई हिस्सों को अपनी चपेट में लिया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 12 जून, 2024 तक दुनिया भर में मंकीपॉक्स के 97,281 मामले दर्ज किए गए थे। इतना ही नहीं, दुनिया में मंकीपॉक्स के कारण 208 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी भी घोषित किया था।
स्वास्थ्य संकट: अफ्रीका के कई हिस्सों में इबोला और अन्य संक्रामक रोगों का प्रकोप जारी रहा, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए। अफ्रीका के बाद इसका एक मामला फिलीपींस में भी पाया गया। इस बीमारी की शुरुआत गिनी के दूर दराज वाले इलाके जेरेकोर में हुई थी लेकिन इसने लाखों लोगों को अपनी चपेट में ले लिया था।
पर्यावरण से संबंधित चुनौतियां
वातावरण प्रदूषण: 2024 में विश्वभर में प्रदूषण का स्तर बढ़ता गया। चीन, भारत और अन्य विकासशील देशों में प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ी हैं। यूनीसेफ और ‘हेल्थ इफैक्ट्स इंस्टीट्यूट’ (एचईआई) की जारी हुई साझा रिपोर्ट ‘स्टेट ऑफ द ग्लोबल एयर-2024’ में बताया गया था कि पूरी दुनिया में 2021 में वायु प्रदूषण के कारण कुल 81 लाख लोग मौत के मुंह में समा गए और सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इन 81 लाख लोगों में से दूषित वायु के कारण मरने वालों में 7.09 लाख बच्चे 5 वर्ष से भी कम आयु के थे।
जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लेशियरों का पिघलना, समुद्र स्तर में वृद्धि और अधिकाधिक प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा। जलवायु परिवर्तन पर हुए एक नए विश्लेषणात्मक अध्ययन में दावा किया गया है कि अगर ग्लोबल वर्मिंग का स्तर 2 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक हो जाता है तो अगली एक सदी में एक अरब लोग मारे जाएंगे।
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