साल 2022 न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए काफी यादगार रहा है। इसमें ऐसी घटनाएं हो गईं, जिनकी कभी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी। कहीं सत्ता पलटी, तो कहीं बड़ी बिजनेस डील हुईं। आज हम इन्हीं घटनाओं के बारे में बात करने वाले हैं।
ब्रिटेन में भारतीय मूल के पीएम
ब्रिटेन में अक्टूबर 2022 में भारतीय मूल के ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री के पद के लिए चुना गया। महज तीन महीने में ही यहां तीन लोग प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे दिखे। इतनी जल्दी शायद ही किसी देश में प्रधानमंत्री के पद पर कोई और आया हो। इस साल बोरिस जॉनसन के सत्ते से हटने के बाद विदेश मंत्री लिज ट्रस को कंजरवेटिव पार्टी ने अपना नेता चुनकर प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बिठा दिया था। लेकिन उन्होंने पद से करीब एक महीने में ही इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री पद के लिए नियुक्त किया गया।
एलन मस्क ने खरीद लिया ट्विटर
दुनिया के सबसे अमीर शख्स रहे एलन मस्क बेशक अब इस मामले में दूसरे नंबर पर आ गए हों, लेकिन उन्होंने ट्विटर खरीदकर भूचाल जरूर ला दिया था। उन्होंने ट्विटर खरीदने के कुछ घंटों बाद ही इस सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म के सीईओ पराग अग्रवाल समेत बड़ी संख्या में लोगों को नौकरी से निकाल दिया था।
ब्रिटेन के राजा बने प्रिंस चार्ल्स
8 सितंबर, 2022 को ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद प्रिंस चार्ल्स, किंग चार्ल्स तृतीय बनाए गए। प्रिंस चार्ल्स ने एक किंग के तौर पर 18 सितंबर को कुर्सी संभाली थी। किंग चार्ल्स तृतीय महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और प्रिंस फिलिप के सबसे बड़े बेटे हैं।
हिजाब कानून पर विचार कर रहा ईरान
ईरान में कुर्द महिला महासा अमीनी की मोरैलिटी पुलिस की हिरासत में मौत के बाद देश भर में हिजाब के खिलाफ खूब विरोध प्रदर्शन हुए। मोरैलिटी पुलिस ने ढंग से हिजाब नहीं पहनने की वजह से उन्हें हिरासत में ले लिया था। विरोध करते हुए महिलाओं ने सार्वजनिक तौर पर अपने बाल काटना शुरू कर दिया। उन्होंने हिजाब भी जलाए। इन प्रदर्शनों में पुरुषों ने भी बढ़ चढ़कर उनका साथ दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों की जान भी गई। हजारों लोगों को हिरासत में लिया गया। और अब उनमें से कई को फांसी दी गई है।
ईरान के अधिकारियों ने 3 दिसंबर को कहा कि वह दशकों पुराने हिजाब कानून पर विचार करेंगे। इसके साथ ही देश में मोरैलिटी पुलिस को भी भंग कर दिया गया है। ये पुलिस ही यह सुनिश्चित करती थी महिलाएं और लड़कियां हिजाब पहनेंगी या फिर नहीं।
चीन में हुए भारी विरोध प्रदर्शन
चीन में कोरोना वायरस लॉकडाउन के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन देखने को मिले हैं। लोग सरकार और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जीरो कोविड नीति का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर गए थे। जिसके चलते सरकार को इस नीति के नियमों में ढिलाई करनी पड़ी है। इन प्रतिबंधों की वजह से लोगों को काफी परेशान किया जा रहा है। उन्हें जबरन कोरोना जांच कराने को कहा जा रहा है।