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भूकंप के झटके से फिर हिला तिब्बत का झिजांग प्रांत, जानें कितनी रही तीव्रता

तिब्बत एक और जोरदार भूकंप के झटके से हिल गया है। भूकंप का झटका महसूस होते ही लोग निकलकर घरों के बाहर भागने लगे।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jan 08, 2025 8:08 IST, Updated : Jan 08, 2025 8:46 IST
तिब्बत में आया भूकंप
Image Source : AP तिब्बत में आया भूकंप

बीजिंग: तिब्बत का झिजांग प्रांत भूकंप के एक और झटके से फिर थर्रा उठा है। आज बुधवार को सुबह करीब 7 बजे यह झटका महसूस किया गया। हालांकि इस बार किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है। बताया जा रहा है कि यह भूकंप झिजांग प्रांत में आया। गत 15 घटों में तिब्बत में कम से कम 150 भूकंप के झटके महसूस किये जा चुके हैं। इससे लोग दहशत में हैं। वहीं मंगलवार को आए भूकंप में अब तक कम से कम 128 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि काफी संख्या में लोग घायल हैं। 

बुधवार को तिब्बत में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर करीब 4 आंकी गई है। इसका केंद्र जमीन के अंदर करीब 10 किलोमीटर की गहराई तक था। तिब्बत के साथ ही साथ नेपाल में भी भूकंप का यह झटका महसूस किया गया। इसकी तीव्रता करीब 4.2 आंकी गई है। 

मंगलवार को आए भूकंप के बाद अभी भी रेस्क्यू जारी

तिब्बत मंगलवार को आए भूकंप के बाद अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। क्षेत्रीय आपदा राहत मुख्यालय के अनुसार, भूकंप मंगलवार सुबह (बीजिंग समयनुसार) 9:05 बजे चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के शिगाज़े में डिंगरी काउंटी में आया। इसका केंद्र शिगाज़े शहर के डिंगरी काउंटी के सोगो कस्बे में था। शिगाजे पूर्वोत्तर नेपाल में खुम्बू हिमालय पर्वतमाला में लोबुत्से से 90 किमी.उत्तर-पूर्व में स्थित है, तथा यह तिब्बत का अंतिम सीमावर्ती शहर है, जो नेपाल-तिब्बत-भारत ट्राई-जंक्शन से अधिक दूर नहीं है। यह इलाका सिक्किम से मिलता है। शिगाजे को शिगास्ते के नाम से भी जाना जाता है जो भारत की सीमा के करीब है। शिगास्ते को तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है। यह पंचेन लामा की पारंपरिक पीठ है, जो तिब्बती बौद्ध धर्म के एक प्रमुख व्यक्ति हैं।

ये था भूकंप का केंद्र

तिब्बत में पंचेन लामा, आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के बाद दूसरे नंबर की हैसियत रखते हैं। सीईएनसी ने कहा कि भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर आया। भूकंप के झटके नेपाल में भी महसूस किए गए जहां इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। हालांकि, वहां कोई जनहानि नहीं हुई। बिहार में भी कई स्थानों पर भूकंप के झटके महूसस किए गए, लेकिन किसी प्रकार की जान-माल की हानि नहीं हुई। सरकारी चीनी टेलीविजन पर प्रसारित फुटेज में दिख रहा है कि बच्चों सहित लोगों को मलबे से बाहर निकाला जा रहा है और स्ट्रेचर पर लादकर चिकित्सा शिविरों में ले जाया जा रहा है। भूकंप का केंद्र डिंगरी काउंटी के त्सोगो कस्बे में था, जहां 20 किलोमीटर की परिधि में लगभग 6,900 लोगों की आबादी रहती है।

इस क्षेत्र में 27 गांव हैं। डिंगरी काउंटी दक्षिणी तिब्बत में हिमालय की उत्तरी ढलान पर स्थित है। यह माउंट एवरेस्ट का उत्तरी आधार शिविर है, जिसे तिब्बत में माउंट कोमोलांगमा कहा जाता है, जो दुनिया की सबसे ऊंची चोटी है। भूकंप के बाद एक प्रेस वार्ता में अधिकारियों ने बताया कि 3,400 से अधिक बचाव कर्मियों और 340 से अधिक चिकित्साकर्मियों को भूकंप प्रभावित क्षेत्र में भेजा गया है।

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