बीजिंग: अमेरिका के भावी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी सामानों पर शुल्क बढ़ाने की धमकी के बीच बड़ी खबर आ रही है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ट्रंप की इस धमकी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जिनपिंग ने मंगलवार को आगाह किया है कि अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ और टेक्नोलॉजी की लड़ाई में जीत किसी की नहीं होगी। उन्होंने कहा कि चीन इस मामले में अपने हितों की पूरी मजबूती से रक्षा करेगा। उनका यह बयान जनवरी 2025 में डोनाल्ड ट्रंप के एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति पद की बागडोर संभालने से पहले आया है। बता दें कि पिछले कुछ सालों से चीन और अमेरिका के रिश्ते तनाव भरे रहे हैं।
‘चीन हमेशा अपने मामलों पर ध्यान देगा’
शी ने बीजिंग में विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व व्यापार संगठन (WTO) सहित 10 बेहद अहम अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ की गई मीटिंग में कहा, ‘टैरिफ, ट्रेड और टेक्नोलॉजी की लड़ाई आर्थिक कानूनों के विपरीत हैं और इनमें किसी की भी जीत नहीं होगी।’ उन्होंने मीटिंग के दौरान अमेरिका के साथ संबंधों के लिए चीन के सिद्धांतों पर जोर दिया। आधिकारिक मीडिया द्वारा बीजिंग में जारी की गई खबर के मुताबिक, शी ने कहा, ‘चीन हमेशा अपने मामलों पर ध्यान देगा और अपनी संप्रभुता, सुरक्षा एवं विकास से जुड़े हितों की दृढ़तापूर्वक रक्षा करेगा। चीन मुक्त अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहेगा।’
ट्रंप ने दी थी 60 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी
चीनी राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘नेशनल ब्रॉडकास्टिंग कंपनी’ यानी कि NBC को दिए इंटरव्यू में कहा था कि उनके और जिनपिंग के बीच ‘बहुत अच्छे संबंध हैं’ और दोनों के बीच ‘इस हफ्ते ही बातचीत हुई है।’ हालांकि चीन ने इस बात की पुष्टि नहीं की कि शी और ट्रंप के बीच किसी तरह की बातचीत हुई थी या नहीं। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए अपने इलेक्शन कैंपेन के दौरान ट्रंप ने अमेरिका को चीनी निर्यात पर 60 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी थी।
शी जिनपिंग ने की खुली अर्थव्यवस्था की वकालत
ट्रंप ने अपनी कैंपेनिंग के दौरान यह चेतावनी भी दी थी कि अगर चीन फेंटेनाइल पर लगाम कसने में नाकाम रहता है तो वह 10 फीसदी ज्यादा शुल्क लगा देंगे। शी ने कहा कि सभी देशों की अर्थव्यवस्थाओं को परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। उन्होंने कहा कि सभी देशों को एक खुली विश्व अर्थव्यवस्था बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए, इनोवेशन को बढ़ावा देना चाहिए, डिजिटल इकोनॉमी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कार्बन का कम उत्सर्जन होने वाली टेक्नोलॉजी जैसे जरूरी मौकों का फायदा उठाना चाहिए, आर्थिक विकास के नए स्रोत खोजने चाहिए।