Highlights
- अब तक 17 देशों में फैल चुका है कोरोना वायरस का XBB सब-वेरिएंट।
- दुनिया में 65 लाख से भी ज्यादा मौतों का जिम्मेदार है कोरोना वायरस।
- सिंगापुर में कोरोना की नई लहर का पीक नवंबर में आने की आशंका है।
XBB Variant News: पिछले लगभग 3 सालों में पूरी दुनिया में कहर मचाने वाले कोरोना वायरस ने एक बार फिर सिर उठाना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंगापुर में कोविड-19 महामारी की मौजूदा लहर के लिए नवंबर मध्य में चरम (पीक) पर पहुंचने और इस दौरान रोजाना 15 हजार से अधिक नए मामले आने की आशंका जतायी गई है। बता दें कि सिंगापुर में कोरोना वायरस के XBB सब-वेरिएंट को बढ़ रहे मामलों का जिम्मेदार माना जा रहा है। XBB ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट है।
सिंगापुर में बढ़ रहे कोरोना के मामले
सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा है कि संक्रमण की पिछली लहरों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि सिंगापुर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि से निपटने के लिए देश का स्वास्थ्य ढांचा पर्याप्त है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंगापुर में फिलहाल कोरोना वायरस के एक्सबीबी सब-वेरिएंट के कारण मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। देश में 3 से 9 अक्टूबर के बीच सामने आए संक्रमण के कुल मामलों के 54 प्रतिशत मामले एक्सबीबी उपस्वरूप के ही हैं।
17 देशों में फैल चुका है XBB वेरिएंट
कोरोना वायरस के XBB सब-वेरिएंट का पहली बार अगस्त महीने में पता चला था। यह अब तक ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, भारत और जापान समेत दुनिया के 17 देशों में फैल चुका है। सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्री ओंग यी कुंग ने कहा कि संक्रमण की मौजूदा लहर कोरोना वायरस के XBB सब-वेरिएंट के कारण है। इस लहर के नवंबर के मध्य तक चरम पर पहुंचने की आशंका है। ओंग ने कहा, ‘यह लहर थोड़े समय रहेगी, लेकिन मामले काफी अधिक सामने आएंगे। देश में नवंबर के मध्य तक प्रतिदिन कोविड-19 के करीब 15 हजार मामले सामने आ सकते हैं।’
सिंगापुर में कोरोना से 1641 की मौत
सिंगापुर में अब तक कोविड-19 के 1,997,847 मामलों की पुष्टि हो चुकी है जबकि 1,641 लोगों की इस महामारी के कारण मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस ने पिछले लगभग 3 सालों में दुनिया में व्यापक तबाही मचाई है। दुनिया की बात करें तो वायरस से संक्रमण के 62 करोड़ से भी ज्यादा मामले सामने आए और 65 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई है। इसके अलावा कई देशों की अर्थव्यवस्था को तबाह करने के पीछे भी कोरोना वायरस को जिम्मेदार माना जाता है। हालांकि नया XBB वेरिएंट तमाम देशों में फैलने के बावजूद अभी तक उतना घातक साबित नहीं हुआ है जितना डेल्टा वेरिएंट हुआ था।