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अब ‘हिंदूवाद’ शब्द से नहीं होगी हिंदुओं की पहचान, विश्व हिंदू सम्मेलन में लिया गया यह बड़ा फैसला

बैंकॉक में हो रहे विश्व हिंदू सम्मेलन में अपनाए गए घोषणापत्र में कहा गया है कि हिंदूवाद (हिंदुइज्म) पूरी तरह से हिंदू धर्म से अलग है क्योंकि इसमें ‘इज्म’ जुड़ा हुआ है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published on: November 25, 2023 8:00 IST
World Hindu Congress, Hindutva, Hinduism, Hindu Dharm- India TV Hindi
Image Source : TWITTER.COM/WHCONGRESS बैंकॉक में विश्व हिंदू सम्मेलन में 60 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।

बैंकॉक: विश्व हिंदू सम्मेलन में सनातन धर्म के बारे में संदर्भ देने के लिए शुक्रवार को ‘हिंदुत्व’ और ‘हिंदू धर्म’ शब्दों को अपनाया गया। इसके साथ ही हिंदूवाद (Hinduism) शब्द को त्यागने का तर्क देते हुए कहा कि यह शब्द दमन और भेदभाव को दर्शाता है। तीसरी विश्व हिंदू कांग्रेस (WHC) के बैंकॉक घोषणापत्र के मुताबिक हिंदुत्व शब्द ज्यादा सटीक है क्योंकि इसमें हिंदू शब्द के सभी अर्थ शामिल हैं। WHC के विचार-विमर्श के पहले दिन के अंत में अपनाए गए घोषणापत्र में कहा गया,‘हिंदू धर्म शब्द में पहला शब्द अर्थात् हिंदू एक असीमित शब्द है। यह उन सभी का प्रतीक है जो सनातन या शाश्वत है। और फिर धर्म है, जिसका अर्थ है वह, जो कायम रखता है।’

‘हिंदूवाद पूरी तरह से अलग है’

घोषणापत्र में कहा गया है कि इसके विपरीत, हिंदूवाद (हिंदुइज्म) पूरी तरह से अलग है क्योंकि इसमें ‘इज्म’ जुड़ा हुआ है, जो एक दमनकारी और भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण या विश्वास के रूप में परिभाषित शब्द है। इसमें कहा गया है, ‘इसी वजह से हमारे कई बुजुर्गों ने हिंदूवाद की तुलना में हिंदुत्व शब्द को प्राथमिकता दी क्योंकि हिंदुत्व अधिक सटीक शब्द है, इसमें हिंदू शब्द के सभी अर्थ शामिल हैं। हम उनसे सहमत हैं और हमें भी ऐसा ही करना चाहिए।’ यह घोषणापत्र ऐसे समय अपनाया गया है, जब कुछ समय पहले DMK नेताओं ने ‘सनातन का उन्मूलन’ विषय पर एक सेमिनार में सनातन धर्म के बारे में कुछ विवादास्पद बयान दिए थे।

‘हिंदुत्व कोई जटिल शब्द नहीं’

घोषणापत्र में कहा गया कि हिंदुत्व कोई जटिल शब्द नहीं है और इसका सीधा सा मतलब हिंदू से संबंधित है। इसमें कहा गया,‘अन्य लोगों ने विकल्प के तौर पर ‘सनातन धर्म’ का इस्तेमाल किया है, जिसे संक्षिप्त में अक्सर सनातन कहा जाता है। यहां सनातन शब्द हिंदू धर्म की शाश्वत प्रकृति को इंगित करने वाले विशेषण के रूप में काम करता है।’ घोषणापत्र में कहा गया कि कई शिक्षाविद और बुद्धिजीवी अज्ञानतावश हिंदुत्व को हिंदू धर्म के विपरीत के तौर पर चित्रित करते हैं। इसमें कहा गया,‘लेकिन अधिकांश लोग हिंदू धर्म के प्रति अपनी गहरी नफरत और पूर्वाग्रहों के कारण हिंदुत्व विरोधी हैं।’

‘एक साथ जुड़ें पूर दुनिया के हिंदू’

घोषणापत्र में कहा गया, ‘राजनीतिक एजेंडे और व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों से प्रेरित कई नेता भी उस समूह में शामिल हो गए हैं और कटुता के साथ सनातन धर्म या सनातन की आलोचना कर रहे हैं।’ WHC ने ऐसी आलोचना की निंदा की और दुनिया भर के हिंदुओं से आग्रह किया कि वे इस तरह की कट्टरता में शामिल लोगों पर काबू पाने के लिए एकजुट हों और विजयी बनें। इससे पहले, WHC के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए, RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत दुनिया को खुशी और संतुष्टि का रास्ता दिखाएगा जो भौतिकवाद, साम्यवाद और पूंजीवाद के प्रयोगों से लड़खड़ा रही है। उन्होंने दुनिया भर के हिंदुओं से एक-दूसरे तक पहुंचने और एक साथ दुनिया से जुड़ने की अपील की।

‘काफी संख्या में जुड़ रहे हैं हिंदू’

भागवत ने दुनियाभर से आए विचारकों, कार्यकर्ताओं, नेताओं और उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा,‘हमें हर हिंदू तक पहुंचना होगा, संपर्क साधना होगा। सभी हिंदू मिलकर दुनिया में सभी से संपर्क साधेंगे। हिंदू ज्यादा से ज्यादा संख्या में जुड़ रहे हैं और दुनिया के साथ जुड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।’ वर्ल्ड हिंदू फाउंडेशन के संस्थापक और वैश्विक अध्यक्ष स्वामी विज्ञानानंद ने शंख बजाकर सम्मेलन की शुरुआत की। इसमें 60 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। आध्यात्मिक नेता माता अमृतानंदमयी देवी, VHP के महासचिव मिलिंद परांडे, WHC आयोजन समिति के अध्यक्ष सुशील सराफ, भारत सेवाश्रम संघ के कार्यकारी अध्यक्ष स्वामी पूर्णात्मानंद, हिंदू धर्म टुडे-यूएसए के प्रकाशक सतगुरु बोधिनाथ वेयलानस्वामी सहित अन्य ने हिस्सा लिया। (भाषा)

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