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ड्रैगन को क्यों लगा यूएस से डर? कहा- चीन को नियंत्रित करने के अमेरिकी प्रयास कभी नहीं होंगे सफल

चीन को आखिर अमेरिका से ऐसा क्या खतरा सता रहा है कि उसकी आशंकाएं बढ़ती जा रही हैं। चीन ने कहा है कि उसे नियंत्रित करने का अमेरिकी प्रयास कभी सफल नहीं होगा। इसका मतलब क्या अमेरिका चीन पर नियंत्रण करना चाह रहा है, अगर नहीं तो चीन ने यह बयान किस लिए दिया है?...यह सब जानने के लिए आपको मामले के तह तक जाना होगा।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Mar 07, 2023 12:37 IST, Updated : Mar 07, 2023 12:37 IST
चीन के विदेश मंत्री किन कांग
Image Source : FILE चीन के विदेश मंत्री किन कांग

नई दिल्लीः चीन को आखिर अमेरिका से ऐसा क्या खतरा सता रहा है कि उसकी आशंकाएं बढ़ती जा रही हैं। चीन ने कहा है कि उसे नियंत्रित करने का अमेरिकी प्रयास कभी सफल नहीं होगा। इसका मतलब क्या अमेरिका चीन पर नियंत्रण करना चाह रहा है, अगर नहीं तो चीन ने यह बयान किस लिए दिया है?...यह सब जानने के लिए आपको मामले के तह तक जाना होगा। आइए आपको हम बताते हैं कि चीन और अमेरिका में क्यों ठनी है?

चीन और अमेरिका के बीच मुख्य लड़ाई प्रभुत्व की है। चीन खुद को अमेरिका से ऊपर उठाना चाहता है और अमेरिका चीन की दादागीरी को रोकना चाहता है। इसलिए दोनों देशों के बीच विवाद की फेहरिश्त लंबी है। फिलहाल प्रमुख विवादों में ताइवान और चीन का विवाद, साउथ चाइन सी में चीन की दादागीरी, साउथ-ईस्ट एशिया में चीन का बढ़ता प्रभाव, चीन की जासूसी की आदतें, यूक्रेन युद्ध मामले में रूस को हथियार भेजना, अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अमेरिका के खिलाफ खड़े होना इत्यादि विवादों के प्रमुख कारण हैं। ताजा विवादों में ताइवान का तनाव, यूक्रेन युद्ध और जासूसी मामला है।

चीन रूस से बढ़ा रहा नजदीकी

ताइवान पर अमेरिकी हस्तक्षेप का बदला लेने के लिए चीन पूरी तरह से रूस के साथ खड़ा हो गया है। चीन के विदेश मंत्री किन गांग ने मंगलवार को रूस के साथ करीबी संबंधों का संकेत दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि चीन को नियंत्रित करने के अमेरिकी प्रयास कभी सफल नहीं हो पाएंगे। चीन की संसद के सत्र के इतर यहां अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में किन ने कहा कि चीन अपने मूल हितों की रक्षा करेगा और आधिपत्य, गुट की राजनीति और एकतरफा प्रतिबंधों का विरोध करेगा। किन ने कहा कि चीन और रूस ‘‘अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए अच्छा उदाहरण पेश कर रहे हैं’’ और उनके करीबी द्विपक्षीय संबंधों को ‘‘शीत युद्ध के नजरिये’’ से देखना गलत है।

रूस के साथ व्यापार में डॉलर का इस्तेमाल नहीं करेगा चीन
चीन और रूस के गठबंधन को ऐसे भी समझ सकते हैं कि दोनों देशों ने व्यापार में अमेरिकी मुद्रा डॉलर का इस्तेमाल नहीं करने पर सहमति बनाई है। चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि रूस के साथ चीन के संबंधों को ‘‘कोई गठबंधन नहीं, कोई टकराव नहीं और किसी तीसरे पक्ष के खिलाफ लक्षित नहीं’’ के रूप में परिभाषित किया। किन ने चीन-रूस व्यापार में अमेरिकी डॉलर और यूरो का इस्तेमाल नहीं करने के संबंध में सवाल पूछे जाने पर कहा कि चीन ऐसी मुद्रा का उपयोग करेगा, जो ‘‘सुरक्षित और विश्वसनीय’’ हो। उन्होंने कहा, ‘‘मुद्रा को एकतरफा प्रतिबंधों के लिए तुरुप के इक्के के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।’’ किन ने यूक्रेन युद्ध को लेकर कहा कि यूक्रेन संकट यूरोपीय सुरक्षा शासन प्रणाली में खामियों का नतीजा है।

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