Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. चीन की "दवा" क्यों भारत के लिए बनी "दर्द का सौदा", केयर रेटिंग्स की ये रिपोर्ट कर देगी हैरान

चीन की "दवा" क्यों भारत के लिए बनी "दर्द का सौदा", केयर रेटिंग्स की ये रिपोर्ट कर देगी हैरान

भारत भले ही चीन पर अपनी निर्भरता अगल-अलग क्षेत्रों में धीरे-धीरे कम कर रहा है, लेकिन वह अभी भी दवाओं पर चीन से अपना पीछा नहीं छुड़ा पाया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन से दवाओं का भारत ने 75 फीसद तक आयात किया है। यह रिपोर्ट निश्चित ही आत्मनिर्भर भारत के लिए चिंताजनक है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Aug 06, 2023 18:40 IST, Updated : Aug 06, 2023 18:40 IST
प्रतीकात्मक फोटो
Image Source : FILE प्रतीकात्मक फोटो

भारत ने भले ही विभिन्न क्षेत्रों में चीन पर से निर्भरता को कम कर दिया है या फिर लगभग खत्म कर दिया है, मगर दवाओं के क्षेत्र में वह अभी भी ड्रैगन पर काफी हद तक निर्भर है। दवाओं के लिए चीन पर भारत की यही निर्भरता उसके लिए दर्द का सौदा साबित हो रही है। केयर रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन से थोक दवा आयात पिछले नौ वर्षों में 62 प्रतिशत से बढ़कर 75 प्रतिशत हो गया है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार की उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन योजना के तहत विभिन्न घरेलू विनिर्माण परियोजनाओं के चालू होने के बावजूद भारत चीन पर काफी हद तक निर्भर है।

केयर रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन से थोक दवा का आयात, मूल्य और मात्रा दोनों लिहाज से वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर क्रमश: 71 और 75 प्रतिशत हो गया। वित्त वर्ष 2013-14 में यह आंकड़ा 64 प्रतिशत और 62 प्रतिशत था। केयर रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक रंजन शर्मा ने कहा कि मूल्य के संदर्भ में वित्त वर्ष 2013-14 से वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान चीन से कुल थोक दवा आयात करीब सात प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ा। यह दर्शाता है कि देश कुछ महत्वपूर्ण सामग्रियों के लिए अब भी अपने पड़ोसी देश पर काफी हद तक निर्भर है। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2013-14 में देश ने दवा का कुल 5.2 अरब डॉलर का आयात किया जिसमें से 2.1 अरब डॉलर का आयात चीन से किया गया।

ऐसे बढ़ा चीन से दवाओं का आयात

रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 में देश ने दवा का कुल 6.4 अरब डॉलर का आयात किया, जिसमें से चीन से 2.6 अरब डॉलर का आयात किया गया। इसके बाद 2020-21 में सात अरब डॉलर का आयात किया गया, जिसमें से चीन से 2.9 अरब डॉलर का आयात किया गया। एजेंसी के एक अन्य निदेशक पुलकित अग्रवाल ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022 में कुल 8.5 अरब डॉलर का आयात किया गया जिसमें से 3.2 अरब डॉलर का आयात चीन से किया गया। वहीं वित्त वर्ष 2023 में आयात मामूली रूप से कम होकर 7.9 अरब डॉलर का रहा। हालांकि चीन की हिस्सेदारी बढ़कर 3.4 अरब डॉलर हो गई।

एजेंसी के एक सहयोगी निदेशक वी नवीन कुमार ने कहा कि उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के साथ-साथ विभिन्न घरेलू विनिर्माण कंपनियों के कई परियोजनाओं को चालू करने के बावजूद चीन पर काफी हद तक निर्भरता अब भी जारी है। वित्त वर्ष 2023-24 में पीएलआई योजना के तहत 51.6 करोड़ डॉलर की परियोजनाएं शुरू होने की उम्मीद है। हालांकि, एजेंसी का मानना है कि इसके बावजूद चीन से थोक दवा आयात पर निर्भरता लंबे समय तक करीब 65 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रहेगी।  (भाषा)

यह भी पढ़ें

रावलपिंडी से कैसे "अटक" गए इमरान, बिना मेडिकल कराए हो गया ये खेल; अब पाकिस्तान की अदालत भी हैरान

नेपाल के काठमांडू से हाईजैक हुआ था इंडियन एयरलाइंस का विमान, घटना के 24 साल बाद हुआ ये हैरतअंगेज खुलासा

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement