Turkey Election News: तुर्की की राजनीति में रेसेप तैयप एर्दोगन पिछले दो दशक से सत्ता पर काबिज रहे हैं। वे एक दशक से अधिक समय तक प्रधानमंत्री और उसके बाद राष्ट्रपति पद पर वे रहे हैं। अब सोमवार 14 मई को तुर्की की जनता वोटिंग करेगी। इस वोटिंग के बाद तय होगा कि वे फिर राष्ट्रपति बन सकेंगे या नहीं। दरअसल एर्दोगन चाहते हैं कि उन्हें 5 साल और राष्ट्रपति बनने का मौका मिले। अभी तक तो उनका एकछत्र राज रहा करता था, पर इस बार उनके खिलाफ पूरा विपक्ष एकजुट हो गया है।
एर्दोगन के मुख्य प्रतिद्वंद्वी केमल किलिकडारोग्लू हैं, जिन्हें तुर्की के गांधी के नाम से भी जाना जाता है। केमल किलिकडारोग्लू गोल चश्मे के कारण महात्मा गांधी जैसे दिखते हैं और बेहद विनम्र हैं, इसलिए उनकी तुलना तुर्की का मीडिया महात्मा गांधी से करता है। शुक्रवार को उन्होंने समर्थकों की एक बड़ी भीड़ को संबोधित किया। तुर्की में मुख्य रूप से खराब अर्थव्यवस्था, महंगाई और फरवरी में आया विनाशकारी भूकंप मुद्दा है।
क्या कह रहा है तुर्की का ओपिनियन पोल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एर्दोगन का कहना है कि आर्थिक संकट और भयानक भूकंप के बाद भी देश को मजबूत बनाए रखा। ओपिनियन पोल के मुताबिक किलिकडारोग्लू कुछ आगे हैं। उनके समर्थकों का मानना है कि वह 50 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल करेंगे। मार्च में उन्हें छह दलों के मजबूत गठबंधन ने विपक्ष का राष्ट्रपति उम्मीदवार चुना था। इसमें अलग अलग विचारधाराओं वाली पार्टियां एक साथ आई हैं। किलिकडारोग्लू की रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी एक सेक्युलर विचारधारा वाली पार्टी है।
मतदान से पहले तनाव बढ़ा
मतदान से पहले तुर्की में तनाव इतना बढ़ गया है कि किलिकडारोग्लू ने एक कार्यक्रम के दौरान बुलेट प्रूफ जैकेट पहन रखी थी। राष्ट्रपति पद के लिए लिए लड़ाई में एक उम्मीदवार मुहर्रम इंस ने गुरुवार को अपना नाम वापस ले लिया।