नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज की बैठक के दौरान करीब तीन साल की मासूम बच्ची अरिहा का मुद्दा भी उठा। आखिर ये अरिहा कौन है और आखिर किस लिए पीएम मोदी-ओलाफ शोल्ज की बैठक के दौरान इस बच्ची का मुद्दा उठाया गया?...आइये आपको पूरा मामला बताते हैं। बता दें कि भारतीय बच्ची अरिहा शाह को जर्मनी में फोस्टर केयर (बाल देखभाल गृह) में रखा गया है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने यह जानकारी दी। लंबे समय से अरिहा को उसके माता-पिता से मिलाने की मुहिम चल रही है।
भारतीय विदेश सचिव ने प्रेस वार्ता में बताया कि चांसलर ने प्रधानमंत्री मोदी को भरोसा दिलाया कि वह इस मुद्दे पर बहुत करीबी नजर रखे हुए हैं। बच्ची को चोट पहुंचाये जाने के आरोपों के बाद, अरिहा करीब 36 महीने से जर्मनी में बाल देखभाल गृह में है। उसके पिता भावेश शाह और मां धारा शाह महाराष्ट्र के ठाणे जिले में मीरा भायंदर के निवासी हैं। मिस्री ने कहा, ‘‘इस पूरे मामले पर हम बहुत करीबी नजर रखे हुए हैं। बर्लिन स्थित हमारे दूतावास ने इस मुद्दे को उठाया है। कुछ सप्ताह पहले, जब हमारे विदेशमंत्री जर्मनी में थे तब भी उन्होंने इस मुद्दे को मजबूती से अपने समकक्ष के समक्ष उठाया था।’’
जर्मनी ने दिया अरिहा पर क्या जवाब
मिस्त्री ने कहा, ‘‘हां, मैं पुष्टि कर सकता हूं कि आज की बैठक के दौरान भी इस मुद्दे को उठाया गया। हमने जर्मनी से कहा कि भारतीय बच्ची जिस माहौल में बड़ी हो रही है वह सांस्कृतिक, धार्मिक, भाषाई स्तर पर उसका नहीं है और यह नैसर्गिक नहीं है एवं इस स्थिति का समाधान करने की जरूरत है।’’ विदेश सचिव ने कहा कि शोल्ज ने मोदी को भरोसा दिया कि ‘‘वह इस मुद्दे पर बहुत करीबी नजर रखे हुए हैं और आगे भी इसपर ध्यान देते रहेंगे। मुझे भरोसा है कि दोनों पक्ष विभिन्न माध्यमों से संपर्क बनाए रखेंगे।’ (भाषा)
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