लाहौरः पाकिस्तान की एक अजीबोगरीब घटना ने जजों के भी होश उड़ा दिया है। यहां सफेद लिफाफों में सफेद मौत टहल रही है। ये पत्र पाकिस्तान के कई न्यायाधीशों को लगातार मिल रहे हैं। लेटर में सफेद पाउडर क्या है, इसकी जांज शुरू हो गई है। फिलहाल सफेद पाउडर वाले इस धमकी भरे पत्र ने पाकिस्तान में तहलका मचा दिया है। बुधवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के न्यायाधीशों के बाद अब लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) के तीन न्यायाधीशों को सफेद पाउडर से युक्त धमकी भरे पत्र मिले। अदालत के पंजीयक कार्यालय ने यह जानकारी दी।
सफेद पाउडर के घातक ‘एंथ्रेक्स’ होने की आशंका है। पंजाब प्रांत के एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पाउडर को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया है कि क्या यह एंथ्रेक्स है।" जिन न्यायाधीशों को पत्र मिले हैं उनमें न्यायमूर्ति शुजात अली खान, न्यायमूर्ति शाहिद बिलाल हसन और न्यायमूर्ति आलिया नीलम हैं। लाहौर पुलिस और आतंकवाद निरोधक विभाग (सीटीडी) के वरिष्ठ अधिकारी एलएचसी पहुंचे और उन पत्रों को कब्जे में ले लिया और जांच शुरू की। घटना के बाद एलएचसी के न्यायाधीशों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
कूरियर कंपनी का कर्मचारी हिरासत में
पुलिस ने पत्र पहुंचाने वाले कूरियर कंपनी के कर्मचारी को हिरासत में ले लिया और उसे पूछताछ के लिए किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। एक दिन पहले, मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक सहित आईएचसी के सभी आठ न्यायाधीशों को "संदिग्ध एंथ्रेक्स-युक्त पत्र" प्राप्त हुए थे। उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को धमकी भरे पत्र तब सामने आए जब उच्चतम न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लिया और आईएचसी के उन छह न्यायाधीशों के मामले की सुनवाई के लिए प्रधान न्यायाधीश काजी फैज ईसा की अध्यक्षता में सात-सदस्यीय पीठ का गठन किया, जिन्होंने आईएसआई सहित जासूसी एजेंसियों पर न्यायिक मामलों में हस्तक्षेप का आरोप लगाया था।
इमरान की पार्टी ने की जांच की मांग
इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने आईएचसी और एलएचसी न्यायाधीशों को भेजे गए सफेद पाउडर युक्त धमकी भरे पत्रों की गहन और तत्काल जांच की मांग की है। पीटीआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि घातक और जहरीले पदार्थ वाले पत्रों का उद्देश्य न्यायाधीशों को डराना था। इस बीच, प्रधान न्यायाधीश ईसा ने बुधवार को न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर किसी भी हमले को विफल करने का संकल्प लिया। (भाषा)