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UN में गरजे जयशंकर तो चीन की निकली हेकड़ी, मांगा भारत का साथ, कही ये बड़ी बात

भारतीय विदेशमंत्री एस जयशंकर ने यूएन में चीन को लेकर बेबाकी के साथ अपनी राय रखी। इस पर चीनी उप-राजदूत मा जिया ने कहा उनका देश भारत के साथ व्यावहारिक सहयोग की बहाली में 'तेजी' लाने की उम्मीद करता है। जानिए चीन ने भारत के साथ संबंध पर और क्या कहा?

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: September 27, 2023 19:59 IST
UN में गरजे जयशंकर तो चीन की निकली हेकड़ी- India TV Hindi
Image Source : FILE UN में गरजे जयशंकर तो चीन की निकली हेकड़ी

China on India: भारत और चीन के बीच गलवान संघर्ष के बाद से ही संबंध असामान्य हैं। हाल ही में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी यूएन जनरल असेंबली में चीन को लेकर भारत का पक्ष रखा और अच्छी तरह से अपने बयानों से चीन की धुलाई कर दी। चीन और भारत के संबंधों पर एस जयशंकर के बेबाक बोल और खरी खरी सुनाने से चीन की हेकड़ी निकल गई है। ऐसे में चीन की ओर से बयान आया है। दरअसल, जिस समय भारतीय विदेश मंत्री यूए में बयान दे रहे थे, उसी समय चीन की ओर से भी भारत के रिश्तों को लेकर बयान आया, जिसमें चीन ने भारत का साथ तक मांग लिया।

चीन की स्थापना की 74वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में उप-राजदूत मा ने कई अहम बातें कहीं। भारत में चीन की उप-राजदूत के तौर पर जिम्‍मेदारी निभा रही अधिकारी ने भारत और चीन के रिश्‍तों पर एक बड़ा बयान दिया है। चीनी उप-राजदूत मा जिया ने कहा उनका देश भारत के साथ व्यावहारिक सहयोग की बहाली में 'तेजी' लाने की उम्मीद करता है। उन्‍होंने इसके साथ ही यह भी कहा कि दोनों पक्षों के देशों के पास मैत्रीपूर्ण सह-अस्तित्व का रास्ता खोजने और एक साथ 'एशियाई सदी' बनाने की 'क्षमता' है। उन्‍होंने कहा कि दोनों देशों को साथ मिलकर 'कुछ भी हासिल न करने वाली कवायदों का विरोध करने और अपने क्षेत्र को भू-राजनीतिक गणनाओं से दूर रखने' की जरूरत है।

भारत चीन संबंध सही दिशा में कायम रहेंगे: चीनी राजनयिक

चीनी राजनयिक ने कहा, 'हमें उम्‍मीद है कि हम चीन-भारत संबंधों की सही दिशा पर दृढ़ता से कायम रहेंगे। चीन और भारत शाश्वत पड़ोसी हैं जिन्हें एक-दूसरे के रणनीतिक इरादों को सटीक रूप से समझने की जरूरत है। एक-दूसरे को कमजोर करने और संदेह करने के बजाय एक-दूसरे की सफलता में समर्थन और योगदान करने की जरूरत है।' मा जिया ने कहा कि इस साल, राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री मोदी ने एससीओ और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया। साथ ही ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान बातचीत की।

दोनों पक्षों में बना हुआ है संवाद

प्रधानमंत्री ली कियांग ने नई दिल्ली में 18वें जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लिया। अपनी टिप्पणी में उन्होंने पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद का भी जिक्र किया। उन्होंने पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद पर बीजिंग का दावा भी ठोंक दिया। उन्‍होंने कहा, 'सीमा पर स्थिति को आपातकालीन प्रतिक्रिया से सामान्य प्रबंधन और नियंत्रण की ओर ले जाने के लिए दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से संवाद बनाए रखा।' जबकि भारत लगातार यह कहता रहा है कि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर स्थिति सामान्य नहीं है।

चीन को लेकर जयशंकर ने कही थी ये बात

मंगलवार को ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि साल 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच संबंध 'सामान्य’नहीं हैं। उनका कहना था कि ऐसा लगता है ये मसला अपेक्षा से ज्यादा लंबा खिंच सकता है। विदेश संबंध परिषद में भारत-चीन संबंधों के बारे में एक सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर दुनिया के दो सबसे बड़े देशों के बीच इस हद तक तनाव है, तो इसका असर हर किसी पर पड़ेगा। जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ रिश्ते की खासियत ये है कि वे आपको कभी नहीं बताते कि वे ऐसा क्यों करते हैं। इसलिए अस्पष्टता रहती है।

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