रियो डी जेनेरियोः ब्राजील में 18 से 19 नवंबर तक हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान एक पल ऐसा आया जब भारत और कनाडा के प्रधानमंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के अगल-बगल खड़े थे। मगर इस दौरान राष्ट्रपति बाइडेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो से ज्यादा तरजीह दी। इससे जस्टिन ट्रूडो परेशान हो गए। यह तस्वीर ऐसे वक्त में सामने आई है जब एक बार फिर से भारत और कनाडा के रिश्ते तनाव के चरम पर पहुंच गए हैं। ऐसे वक्त में यह फोटो फ्रेम जस्टिन ट्रूडो और उनके समर्थकों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
बता दें कि कनाडा अमेरिका के साथ ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के साथ 5 आई नेटवर्क का सदस्य भी है। इसके अलावा वह अमेरिका का पारंपरिक मित्र देश है। ऐसे में कनाडा कई मौके पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर मामले में भारत पर निराधार आरोप लगाकर ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका व ब्रिटेन जैसे देशों से नई दिल्ली पर दबाव बनवाना चाह रहा था। मगर अब तक जस्टिन ट्रूडो अपनी इस रणनीति में सफल नहीं हो पाए हैं। पीएम मोदी की कूटनीति और सुपर विदेशनीति के आगे जस्टिन ट्रूडो का हर तिकड़म उनके मित्र देशों में ही फेल हो गया है।
तस्वीर में क्या है संदेश
तस्वीर में देखा जा रहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन के दायीं तरफ कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो खड़े हैं। वहीं बायीं तरफ पीएम मोदी हैं और उनके साथ ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा भी मौजूद हैं। इस दौरान राष्ट्रपति जो बाइडेन और लूला डी सिल्वा पीएम मोदी का हाथ अपने हाथों में लेकर भारत के साथ अपने मजबूत संबंधों को दर्शाते नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो अपने दोस्त मुल्क अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन के बगल खड़े होकर भी अलग-थलग पड़े दिख रहे हैं। जबकि बाइडेन इस दौरान पीएम मोदी को ट्रूडो से ज्यादा तरजीह (महत्व) देते दिख रहे हैं। इससे ट्रूडो की हंसी में भी निराशा झलकती दिख रही है।
ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में दिया था ट्रूडो को झटका
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ही हालिया ऑस्ट्रेलिया यात्रा के बाद भी ट्रूडो को एक बड़ा झटका लगा था। दरअसल भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ संयुक्त स्टेटमेंट जारी करवाने में कामयाब रहा कि कनाडा के ब्राम्पटन में हिंदू मंदिर पर हुए हमले निंदनीय हैं। बता दें कि इस बयान से ट्रूडो इतने अधिक खफा हो गए कि उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीवी चैनल पर ही कनाडा में बैन लगा दिया। इससे ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भी तनाव शुरू हो गया। मगर भारत और ऑस्ट्रेलिया के इन मजबूत रिश्तों ने कनाडा को बहुत बड़ा सबक सिखा दिया। जिसे अब तक कनाडा समझ नहीं पाया।