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दक्षिण चीन सागर में China की दादागिरी को फिलिपींस ने दी चुनौती, तो भड़के 'ड्रैगन' ने दिया ये जवाब

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: March 04, 2024 11:22 IST
दक्षिण चीन सागर- India TV Hindi
Image Source : FILE दक्षिण चीन सागर

Philippines on South China Sea: दक्षिण चीन सागर को लेकर एक बार फिर चीन और फिलीपींस आमने-सामने आ गए हैं। चीन के दूतावास ने फिलीपींस के राजदूत द्वारा अमेरिका में दिए गए बयानों की कड़ी निंदा की और कहा कि उन्होंने बुनियादी तथ्यों की अवहेलना की है। ​फिलीपींस के राजदूत ने दक्षिण चीन सागर में चीन की दादागिरी की आलोचना की थी।

दक्षिण चीन सागर में एक बार फिर चीन की दादागिरी की पोल उजागर हुई है। चीन के दूतावास ने रविवार को फिलीपींस के राजदूत द्वारा अमेरिका में दिए गए बयानों की कड़ी निंदा की और कहा कि उन्होंने बुनियादी तथ्यों की अवहेलना की है। बता दें कि दक्षिण चीन सागर अंतरराष्ट्रीय व्यापार की सबसे महत्वपूर्ण समुद्री लाइनों में से एक है। इसे प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध माना जाता है। समुद्री इलाकों पर चीन व्यापक दावे करता है। इस कारण मलेशिया , ब्रुनेई , इंडोनेशिया, फिलीपींस और वियतनाम सहित प्रतिस्पर्धी दावेदार कथित रूप से नाराज हैं।

फिलिपींस के आरोप पर चीन ने क्या दी सफाई?

चीनी दूतावास ने कहा कि फिलीपींस के राजदूत द्वारा की गई बयानबाजी ने दक्षिण चीन सागर मुद्दे को बेवजह तूल दिया है। इतना ही नहीं, इसकी वजह से चीन पर धब्बा लगा है। अमेरिका में फिलीपींस के राजदूत जोस मैनुअल रोमुअलडेज ने बुधवार को कहा था कि अमेरिका दक्षिण चीन सागर के मुद्दे और संभावित ताइवान संघर्ष को गंभीर रूप से देखता है। वहां हो रही सभी झड़पों को देखते हुए उसका मानना है कि असली फ्लैशपॉइंट पश्चिम फिलीपीन सागर है। 

फिलिपींस के दावों पर चीन ने दी किया पलटवार

चीनी दूतावास ने फिलिपींस के दावों पर पलटवार करते हुए कहा कि 'घर में भेड़ियों को आमंत्रित करने और छोटे समूहों को शामिल करने से दक्षिण चीन सागर में मतभेदों को हल करने में मदद नहीं मिलेगी, बल्कि इसके उलट स्थिति और जटिल हो जाएगी।' दूतावास ने रोमुअलडेज से आग्रह किया है कि वह चीन से खतरा होने की अफवाहों को न फैलाएं। बीजिंग में फिलीपींस दूतावास ने अभी इस बयान पर कुछ नहीं कहा है। 

दक्षिण चीन सागर क्यों है रणनीतिक रूप से अहम?

दरअसल, दक्षिण चीन सागर अप्रयुक्त तेल और प्राकृतिक गैस का विशाल भंडार है। फिशरिंग के लिए भी यह बहुत बड़ा क्षेत्र है। कहा जाता है कि इस क्षेत्र में 190 ट्रिलियन क्यूबिक फिट तक प्राकृतिक गैस का विशाल भंडार मौजूद है। इसके अलावा विभिन्न देशों के लिए सामिरक दृष्टि से भी दक्षिण चीन सागर बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। समुद्र के रास्ते व्यापार के लिए भी इसकी महत्ता बेमिसाल है। इसीलिए चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है।

 मगर वियतनाम, ब्रुनेई, इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया समेत अमेरिका और भारत चीन के इस दावे को खारिज करते हैं। उत्तर कोरिया, साउथ कोरिया, जापान, चीन, फिलीपींस, ताइवान, वियतनाम ये प्रमुख देश हैं, जिनका वॉटर टेरिटोरियल दक्षिण चीन सागर है।

दक्षिण चीन सागर का क्या है प्रमुख विवाद?

विशेषज्ञों के अनुसार दक्षिण चीन सागर में टेरिटोरियल वॉटर को लेकर प्रमुख विवाद है। इसके अलावा एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन (एडीआइजेड) विवाद का दूसरा प्रमुख कारण है। चीन ने 2013 में इसे अपनी मर्जी से बदल दिया था। यह विवाद का बड़ा कारण बन गया है। इससे जपान, साउथ कोरिया और ताइवान के एक्सक्लूसिव ईकोनॉमिक जोन (ईईजेड) को चीन का एडीआइजेड क्रॉस कर रहा है। यह विवाद का मुख्य कारण है। 

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