India Armenia: आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच दुश्मनी और तनातनी जगजाहिर है। इसी बीच भारत और आर्मेनिया की दोस्ती के कारण अजरबैजान और उसका दोस्त पाकिस्तान टेंशन में आ गए हैं। भारत के आर्मीनिया को पिनाका रॉकेट समेत घातक हथियारों की सप्लाई करने के बाद अब पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर घबरा गए हैं। टेंशन में वे अचानक से अजरबैजान के दौरे पर पहुंचे हैं। पाकिस्तानी आर्मी चीफ ने अजरबैजान के साथ सैन्य और रक्षा संबंध को बढ़ाने का ऐलान किया है। पाकिस्तानी सेना ने एक बयान जारी करके कहा कि जनरल मुनीर की यह यात्रा पाकिस्तान और अजरबैजान के बीच रणनीतिक भागीदारी बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
पाकिस्तान आर्मी ने कहा कि जनरल मुनीर की इस यात्रा के दौरान अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलियेव, रक्षामंत्री और सेना प्रमुखों से उनकी मुलाकात हुइ। इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने पर विमर्श हुआ। पाकिस्तान ने नगर्नो कराबाख की जंग के दौरान अजरबैजान की हथियारों से खुलकर मदद की थी। पाकिस्तानी सेना रॉकेट और कई अन्य घातक हथियार अजरबैजान को देती है। तुर्की, इजराइल और पाकिस्तान के हथियारों के बल पर ही अजरबैजान ने आर्मीनिया से नगर्नो कराबाख को छीन लिया था।
भारत ने आर्मेनिया को पिनाका मिसाइल की सप्लाई
पाकिस्तान के जनरल असीम मुनीर अजरबैजान के सैनिकों से भी मिले। इस दौरान उन्होंने कहा कि अजरबैजान की आर्मी को पाकिस्तान आगे भी समर्थन देता रहेगा। पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने यह दौरा ऐसे समय पर किया है जब भारत ने अजरबैजान की दादागिरी के शिकार आर्मेनिया को पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर की आपूर्ति की है। भारतीय पिनाका सिस्टम की पहली खेप गत 5 अक्टूबर को आर्मेनिया के लिए रवाना की गई थी।
जानिए कितनी खतरनाक है पिनाका मिसाइल?
भारत ने खुलकर देश का नाम नहीं बताया था लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि यह आर्मीनिया को सप्लाई किया गया है। पिछले साल आर्मीनिया ने भारत के डीआरडीओ को पिनाका रॉकेट सिस्टम खरीदने के लिए ऑर्डर दिया था। यह पूरी डील 2000 करोड़ रुपये की हुई थी। पिनाका Mk-1 ER रॉकेट सिस्टम 45 किमी दूरी तक अपने लक्ष्य का शिकार कर सकती है। वहीं पिनाका Mk-2 रॉकेट सिस्टम 75 किमी दूरी तक मार करने में सक्षम है। भारत का पिनाका सिस्टम ईरान के रास्ते आर्मीनिया पहुंचा है। भारत के इस रॉकेट देने से अजरबैजान बुरी तरह से घबरा गया था।
आर्मेनिया-अजरबैजान में है पुरानी दुश्मनी
आर्मीनिया और अजरबेजान की दुश्मनी आज की नहीं बल्कि पुरानी है। दोनों देश 2020 में नागोर्नो काराबाख को लेकर तीन महीने तक जोरदार जंग भी लड़ चुके हैं। इस युद्ध में इजरायली और तुर्की के हथियारों के दम पर अजरबेजान ने आर्मीनिया को शिकस्त दी थी। बाद में रूस की मध्यस्थता से युद्ध विराम हुआ। हालांकि इसके बाद भी आर्मेनिया और अजरबैजान में कई बार सैन्य झड़प हो चुकी है। ऐसे में आर्मेनिया ने यूक्रेन युद्ध में उलझे रूस का साथ छोड़कर बाहरी देशों से हथियार खरीदने की कोशिश की है। यही कारण है कि आर्मीनिया ने भारती की पिनाका मिसाइल की खरीद की है।