Pakistan on Palestine: इजराइल और फिलिस्तीन में जंग जारी है। पाकिस्तान में भी फिलिस्तीन के पक्ष में और इजराइल के विरोध के स्वर मुखरता से उठे हैं। गाजा की जंग में हमास का पक्ष भी पाकिस्तानियों ने लिया है। इसी बीच पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने अपने फिलिस्तीन समकक्ष महमूद अब्बास से टेलिफोन पर चर्चा की और ऐसी एडवाइज दे डाली, जो उन्हीं को महंगी पड़ गई। अब विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने ऐसा क्या सुझाव दिया, जो पड़ गया महंगा?
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी का एक सुझाव देना उन्हीं पर महंगा पड़ता दिखाई दे रहा है। उन्होंने फिलिस्तीनियों के मुद्दे को सुलझाने के लिए वन स्टेट सॉल्यूशन यानी एक राष्ट्र समाधान का सुझाव दिया। उनकी टिप्पणी से कार्यवाहक सरकार ने हाथ पीछे खींच लिए और उनके इस्तीफे की मांग कर डाली। राष्ट्रपति कार्यालय ने शुरू में एक बयान जारी किया, जिसमें बताया गया कि राष्ट्रपति अल्वी ने अपने फिलिस्तीनी समकक्ष महमूद अब्बास के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और इस दौरान 'एक राष्ट्र समाधान' का सुझाव दिया।
पहले दिया बयान, बाद में लिया वापस
अल्वी ने कहा कि अगर इजराइल 'टू स्टेट सॉल्यूशन' यानी दो राष्ट्र समाधान के लिए नहीं मान रहा है तो उसके सामने एक राष्ट्र समाधान का प्रस्ताव रखो। इस प्रस्ताव से मुस्लिम और ईसाई समुदायों के लोग बराबर हक से रह सकेंगे। राष्ट्रपति कार्यालय का बयान सामने आते ही सभी टीवी चैनलों ने इस खबर को प्रसारित कर दिया। बाद में बयान को वापस लेकर नया बयान जारी किया। इसमें इस प्रस्ताव का कोई जिक्र नहीं किया गया था।
विवादास्पद टिप्पणी पर स्पष्टीकरण मांगा
संसद में पीपीपी के सांसद रजा रब्बानी ने इस विवादास्पद कमेंट पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा। इस पर कार्यवाहक विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने अल्वी के प्रस्ताव को देश की रीति नीति और सिद्धांत के अनुरूप नहीं बताया। विदेश मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी और विदेश मंत्रालय को कोई जानकारी ही नहीं दी। विदेश मंत्री ने कहा कि हमें तो ऐसी कोई बात ही पता नहीं चली कि राष्ट्रपति ने फोन पर फिलिस्तीन के राष्ट्रपति को एक राष्ट्र समाधान का सुझाव दे दिया था।
राष्ट्रपति दें अपना इस्तीफा
जिलानी ने कहा कि प्रेसिडेंट के बयान के बाद मंत्रालय को तुरत फुरत में स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा। इसमें फिलिस्तीन के मुद्दे पर पाकिस्तन का क्या रुख है, यह स्पष्ट किया। सांसद रजा रब्बानी ने कहा कि राष्ट्रपति को इस्तीफा देना चाहिए। साथ ही उन्होंने विदेश मंत्री से सदन को यह बताने के लिए भी कहा कि सरकार ने राष्ट्रपति के बयान से पैदा हुए विवाद को खत्म करने के लिए क्या किया है?