पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान सत्तासीन शहबाज शरीफ की सरकार के खिलाफ लगातार हमलावर हैं। हाल ही में उन्होंने लॉन्ग मार्च निकाला था। लेकिन उन पर जानलेवा हमला हुआ था। हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थी। इससे इमरान खान घायल हो गए थे। इसके बाद लॉन्ग् मार्च अस्थाई रूप से रोक दिया गया था।
पाकिस्तान सरकार के साथ अंतिम मुकाबले की घोषणा करने के एक दिन बाद पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान ने यहां कहा कि 26 नवंबर को सभी को सरप्राइज मिलेगा, जिस दिन उनकी पार्टी के समर्थक जुटेंगे। मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई। इमरान के समर्थक जल्द चुनाव कराने की मांग को लेकर 26 नवंबर को रावलपिंडी में जुटेंगे।
26 नवंबर को रावलपिंडी से फिर शुरू होगा लान्ग मार्च
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामाबाद से करीब 200 मीटर दूर रावत में शनिवार को एक रैली में भाग लेने वालों को संबोधित करते हुए पीटीआई प्रमुख ने वीडियो लिंक के माध्यम से घोषणा की थी कि वह लॉन्ग मार्च को अस्थायी रूप से समाप्त कर रहे हैं और इसका अगला चरण 26 नवंबर को रावलपिंडी से शुरू होगा।
रविवार को लाहौर में पत्रकारों के एक समूह के साथ एक बैठक के दौरान खान ने विवरण दिए बिना कहा, "मुझे उनकी योजनाओं के बारे में पता है, लेकिन मैं आगे की योजना बना रहा हूं।"
अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर इमरान चिंतित नहीं
पूर्व प्रधानमंत्री ने दोहराया कि वह अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर चिंतित नहीं हैं। एक्सप्रेस न्यूज ने उन्हें यह कहते हुए उद्धृत किया, "मुझे इससे कोई समस्या नहीं है कि वे जिसे भी सेना प्रमुख नियुक्त करना चाहते हैं। अब ये लोग (सरकार) दोनों तरफ से फंस गए हैं।" एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अप्रैल में प्रधानमंत्री पद से हटाए गए खान ने कहा कि अगर देश में समय से पहले चुनाव होते हैं तो मौजूदा शासकों को हार का सामना करना पड़ेगा।
चुनाव हो गए तो देश दिवालिया हो जाएगा: इमरान
उन्होंने कहा, "अगर चुनाव नहीं होते हैं, तो देश दिवालिया हो जाएगा।" पूर्व प्रधानमंत्री ने यह भी खुलासा किया कि देश में राजनीतिक गतिरोध को समाप्त करने के लिए बातचीत के लिए उन्हें राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के माध्यम से संदेश भेजे गए थे।उन्होंने कहा, "लेकिन मेरी एक ही मांग है, चुनाव की तारीख दीजिए। तभी चर्चा हो सकती है।"