
म्यांमार में 28 फरवरी को विनाशकारी भूकंप ने जमकर तबाही मचाई। पूरे देश में इमारतें गिर गईं, सड़कें फट गईं और हजारों की संख्या में लोगों की मौत हुई है। इस बीच भारत ने म्यांमार की मदद के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा चलाया है। इस ऑपरेशन के जरिए म्यांमार में मदद पहुंचाई जा रही है। भारतीय सेना के पांच विमानों को इसी काम में लगाया गया है। इसके साथ ही नौसेना के जहाज भी राहत सामग्री लेकर रवाना हुए हैं।
भारत की तरफ से प्लेन और नौसेना के जहाजों के जरिए कुल 137 टन के बराबर मदद भेजी जा चुकी है। जरूरत पड़ने पर अन्य विमानों का भी उपयोग किया जाएगा। यहां हम बता रहे हैं कि ऑपरेशन ब्रह्मा क्या है और इसके जरिए भारत कैसे म्यांमार की मदद कर रहा है, इस नाम के पीछे की वजह क्या है?
म्यांमार की सैन्य सरकार ने शनिवार को सरकारी टेलीविजन पर कहा कि विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या 1,600 से अधिक हो गई है। सैन्य सरकार ने कुछ देर पहले मृतक संख्या 1,002 बताई थी। मलबे से और शव निकाले जाने के बाद मृतक संख्या 1,644 बताई गई, व्यापक क्षेत्र में तबाही मचने के कारण मृतक संख्या बढ़ने के आसार हैं।
एयरपोर्ट में नुकसान के कारण नहीं पहुंच पा रही मदद
भूकंप में घायल हुए लोगों की संख्या बढ़कर 3,408 हो गई, जबकि लापता लोगों की संख्या 139 हो गई। भूकंप के बाद मांडले और राजधानी नेपीता में बचाव अभियान जारी है। हालांकि दूसरे देशों से टीमें और उपकरण भेजे गए हैं लेकिन इन शहरों के हवाई अड्डों के क्षतिग्रस्त होने और विमानों के उतरने के लिए अनुपयुक्त होने के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही है।
क्या है ऑपरेशन ब्रह्मा?
विदेश मंत्रालय ने ऑपरेशन ब्रह्मा के नाम पर कहा कि ब्रह्मा सृजन के देवता हैं, ऐसे समय में जब हम म्यांमार सरकार और म्यांमार के लोगों को विनाश के बाद अपने देश के पुनर्निर्माण के लिए मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं, तो ऑपरेशन का नाम ब्रह्मा रखा गया है। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत, 15 टन राहत सामग्री लेकर एक विमान हिंडन एयरफोर्स बेस से सुबह करीब 3 बजे उड़ा। यह सुबह करीब 8 बजे भारतीय समयानुसार यांगून पहुंचा। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शनिवार को बताया कि म्यांमार में भारतीय राजदूत राहत सामग्री लेने के लिए मौजूद थे और उन्होंने इसे यांगून के मुख्यमंत्री को सौंप दिया। इसके बाद खोज और बचाव कर्मियों और उपकरणों के साथ-साथ कुत्तों को लेकर विमान म्यांमार के लिए रवाना हुआ। भारत ने ऑपरेशन ब्रह्मा में वायुसेना के 2 सी17 ग्लोबमास्टर और 3 सी130 जे हरक्यूलिस को तैनात किया है।
भारत ने क्या मदद की ?
भारत ने मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) के अलावा 118 सदस्यों की एक टीम भी भेजी है, जो म्यांमार में 60 बेड का अस्थायी अस्पताल बनाएगी। भारतीय राजदूत अभय ठाकुर ने 29 मार्च को राहत सामग्री का पहला जत्था भेजा, जिसमें व्यक्तिगत देखभाल, खाद्य सामग्री, स्लीपिंग बैग, सोलर लैंप और रसोई के बर्तन शामिल हैं। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत संघीय आपदा आकस्मिकता बल के कार्मिकों को पड़ोसी देश को सहायता प्रदान करने के लिए मजबूत कंक्रीट कटर, ड्रिल मशीन, हथौड़े, प्लाज्मा कटिंग मशीन आदि जैसे भूकंप बचाव उपकरणों के साथ तैनात किया जा रहा है।