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भारत के "बजट-2023" में क्या है अमेरिका की दिलचस्पी?...जानें निर्मला सीतारमण को दिया कौन सा सुझाव

आम आदमी जहां इस बजट में राहत की उम्मीद कर रहा है तो वहीं अमेरिका भी भारत के बजट-2023 में खास दिलचस्पी रख रहा है। इस बार देश के बजट पर अमेरिका की पैनी नजर है। इतना ही नहीं अबकी बार बजट पेश किए जाने से पहले ही अमेरिका ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को कुछ विशेष सुझाव भी भेजे हैं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jan 28, 2023 11:30 IST, Updated : Jan 30, 2023 12:11 IST
प्रतीकात्मक फोटो
Image Source : AP प्रतीकात्मक फोटो

America's Suggestion On India's Budget: आगामी 1 फरवरी को देश का बजट आ रहा है। इस बजट पर सभी आमजन की निगाहें हैं। आम आदमी जहां इस बजट में राहत की उम्मीद कर रहा है तो वहीं अमेरिका भी भारत के बजट-2023 में खास दिलचस्पी रख रहा है। इस बार देश के बजट पर अमेरिका की पैनी नजर है। इतना ही नहीं अबकी बार बजट पेश किए जाने से पहले ही अमेरिका ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को कुछ विशेष सुझाव भी भेजे हैं। अमेरिका ने वित्त मंत्री से अपने सुझाये बिंदुओं पर बजट में ध्यान भी आकर्षित कराया है। आखिर इस बार भारत के बजट को लेकर अमेरिका को इतनी लालसा क्यों है?...आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है और अमेरिका ने वित्त मंत्री को कौन सा सुझाव दिया है?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आम बजट 2023-24 पेश किए जाने से पहले अमेरिकी फार्मा उद्योग ने भारत को अपने दवा क्षेत्र के लिए एक अनुसंधान एवं विकास नीति लाने का सुझाव दिया है। अमेरिका का कहना है कि यदि भारत यह कदम उठाता है तो पूरी दुनिया के लिए वह अनुसंधान एवं विकास केंद्र बनने का ईंधन साबित हो सकता है। आपको बता दें कि वित्त मंत्री सीतारमण 1 फरवरी को संसद में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए आम बजट पेश करने वाली हैं। अमेरिका-इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स (यूएसएआईसी) के अध्यक्ष करुण ऋषि ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “समय आ गया है कि भारत सरकार दवा क्षेत्र के लिए शोध एवं विकास नीति लेकर आए।” बोस्टन स्थित यूएसएआईसी पिछले 16 वर्षों से भारत-अमेरिका स्वास्थ्य देखभाल शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहा है, जिसमें भारत और अमेरिका के फार्मा क्षेत्र के दिग्गज हिस्सा लेते हैं।

भारत पर वैश्विक मंदी का नहीं होगा ज्यादा असर

ऋषि ने यह भी कहा कि दुनिया वैश्विक मंदी से जूझ रही है, लेकिन भारत में इसका असर ज्यादा नहीं होगा। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, “बायोफार्मा क्षेत्र में बजट का उद्देश्य अनुसंधान एवं विकास पर आधारित मूल्य श्रृंखला को आगे बढ़ाना होना चाहिए। सही नीति भारत को दुनिया का अनुसंधान एवं विकास केंद्र बनने के लिए ईंधन प्रदान कर सकती है।” उन्होंने जोर दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर करने के लिए बजट में अनुसंधान एवं विकास और विनिर्माण को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। बजट में भारत में एपीआई (दवा के औषधीय गुणों के लिए जिम्मेदार तत्व) के विनिर्माण को विशेष रूप से बढ़ावा दिया जाना चाहिए।सीतारमण और उनकी टीम को विकास रणनीतियों, स्वास्थ्य पर सार्वजनिक व्यय बढ़ाने, क्षमता निर्माण, कौशल विकास और रोजगार सृजन पर ध्यान देना चाहिए।

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