ताइपे: चीन ने ताइवान पर कब्जे की रणनीति तैयार कर ली है। ताइवान के निकट चीन का नया मिसाइल परीक्षण उसी रणनीति का एक हिस्सा हो सकता है। ऐसे में में ताइवान भी सतर्क हो गया है। ताइपे के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि वह चीन की मिसाइल इकाई के ‘‘परीक्षणों’’ पर नजर रख रहा है और उसकी वायु सेना ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है। बता दें कि चीन स्वशासित द्वीप से 1,600 किलोमीटर से अधिक दूर के क्षेत्र में यह परीक्षण कर रहा है। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और उसका कहना है कि इसे मुख्य भूभाग के साथ फिर से एकीकृत किया जाना चाहिए।
ऐसे में चीन का यह मिसाइल परीक्षण ताइवान का तनाव बढ़ाने वाला है। ताइवान की सैन्य समाचार एजेंसी के अनुसार, मंत्रालय ने शनिवार को इनर मंगोलिया में चीन के रॉकेट फोर्स द्वारा कई ‘‘परीक्षण अभियान’’ का पता लगाया। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि क्या ये परीक्षण चीन द्वारा ताइवान को डराने धमकाने के मकसद से किए गए। हाल के वर्षों में, चीन ने ताइवान के आसपास अपनी सैन्य गतिविधियों को बढ़ा दिया है, जहां डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी का शासन है।
मई में मिला था ताइवान को नया राष्ट्रपति
मई में, ताइवान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने अपने शुरुआती संबोधन में कहा था कि वह चीन के साथ शांति चाहते हैं और उन्होंने चीन से ताइवान को सैन्य कार्रवाई की धमकियां देना बंद करने का आग्रह किया था। चीन की सेना ने बुधवार से ताइवान के प्रति अपनी ताकत का जोरदार प्रदर्शन किया है, जब ताइपे में अमेरिका के नए शीर्ष राजदूत ने वादा किया था कि अमेरिका ताइवान की रक्षा में मदद करेगा। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने द्वीप के आसपास 66 युद्धक विमानों की उड़ानों का पता लगाया और कई विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा के पार उड़ान भरी है, जो दोनों पक्षों के बीच वास्तविक सीमा है। (एपी)
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