नई दिल्लीः रूस-यूक्रेन का युद्ध बखमुत में घातक मोड़ पर पहुंच चुका है। यहां रूस की सेना बखमुत पर कब्जे के करीब है। मगर इस दौरान रूसी भाड़े के सैनिक समूह वैगनर के चीफ ने गोला-बारूद खत्म होने को लेकर पुतिन का पत्र लिखा है। गनीमत सिर्फ इतनी है कि यहां लड़ रही यूक्रेनी सेना का भी युद्धक भंडार पूरी तरह खाली हो चुका है। मगर अब तत्काल रूसी सेना को गोला-बारूद और हथियार नहीं मिले तो रूसी सेना यहां से नियंत्रण को सकती है। इस बीच रूसी राष्ट्रपति पुतिन और ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के बीच फोन पर बातचीत होने की बात सामने आ रही है। क्या दोनों नेताओं ने इस दौरान यूक्रेन युद्ध पर चर्चा की, क्या पुतिन ने ईरान से गोला-बारूद और हथियार मांगे हैं?...इन सवालों का जवाब बेहद सीक्रेट रखा गया है। दोनों देशों ने बातचीत में इसको लेकर हुए जिक्र का कोई ब्यौरा नहीं दिया है।
सिर्फ इतना बताया गया है कि ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन ने द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग के लिए फोन पर बातचीत की है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने ईरानी राष्ट्रपति के कार्यालय की वेबसाइट का हवाला देते हुए बताया कि दोनों पक्षों ने सोमवार को आर्थिक सहयोग और इसे विस्तारित करने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय परिवहन के क्षेत्र में। ईरानी राष्ट्रपति के राजनीतिक मामलों के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद जमशीदी के अनुसार दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय परिवहन विकास से जुड़ी परियोजनाओं की भी समीक्षा की।
जमशेदी ने एक ट्वीट में बताया कि यूरेशियन एकीकरण रईसी की पड़ोस नीति का दूसरा चरण है, इसमें चीन द्वारा प्रस्तावित बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव और रूस के साथ अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा शामिल है। उन्होंने कहा कि इसका लक्ष्य ईरान की भू-आर्थिक भूमिका को मजबूत करना है। मगर क्या यह संभव है कि ऐसे नाजुक वक्त में रूस और ईरान के बीच यूक्रेन युद्ध पर कोई चर्चा नहीं हुई होगी?...फिलहाल दोनों देशों ने इस राज को राज ही रहने दिया है। मगर पुतिन और इब्राहिम में बातचीत की जानकारी सामने आने के बाद यूक्रेन और अमेरिका आशंका से भर उठे हैं।
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