ढाकाः भारत से चल रहे तनावों के बीच बांग्लादेश के आर्मी चीफ का बड़ा बयान सामने आया है। सेना प्रमुख वाकर-उज-जमान ने एक बयान में कहा कि भारत के साथ बांग्लादेश का बेहद खास रिश्ता है। इसलिए उनका देश कभी भारत के खिलाफ नहीं जा सकता। इस दौरान उन्होंने भारत को महत्वपूर्ण पड़ोसी बताया और कहा कि ढाका कई मामलों में नई दिल्ली पर निर्भर है।
सेना प्रमुख ने कहा कि बड़ी संख्या में बांग्लादेशी अपना इलाज कराने भी भारत जाते हैं और वहां से ढाका बहुत सारा सामान भी आयात करता है। इसलिए बांग्लादेश ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा, जो भारत के रणनीतिक हितों के खिलाफ हो। भारत-बांग्लादेश के बीच लेन-देन से लेकर आपसी हितों को समान महत्व देने का रिश्ता है। इसमें कोई भेदभाव न हो। इसलिए बांग्लादेश को भारत से समान रिश्ते बना कर रखना होगा। यही बांग्लादेश के हित में है।
शेख हसीना के प्रत्यर्पण को बांग्लादेश ने बताया द्विपक्षीय मुद्दा
बांग्लादेश ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण को द्विपक्षीय मुद्दा बताया है। विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने बुधवार को कहा कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना का प्रत्यर्पण भारत के साथ कई मुद्दों में से एक है। जबकि अमेरिका, भारत और चीन के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंध अंतरिम सरकार की प्राथमिकताएं हैं। उन्होंने कहा कि हसीना (77) पांच अगस्त से भारत में रह रही हैं, जब वह छात्रों के नेतृत्व में हुए बड़े पैमाने पर प्रदर्शन के बाद देश से बाहर चली गई थीं। छात्रों के आंदोलन के कारण उनकी 16 साल पुरानी सरकार गिर गई थी। बांग्लादेश स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने हसीना और कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों और सैन्य एवं असैन्य अधिकारियों के खिलाफ ‘‘मानवता के विरुद्ध अपराध और नरसंहार’’ के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
रोहिंग्या पर क्या है बांग्लादेश का रुख
पूर्व राजनयिक और प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार में वास्तविक विदेश मंत्री हुसैन ने कहा कि रोहिंग्या संकट से निपटने के साथ-साथ अमेरिका, भारत और चीन के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंध बनाए रखना 2025 में बांग्लादेश के लिए प्रमुख प्राथमिकताएं होंगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी प्राथमिकताएं रोहिंग्या संकट का समाधान करना। अमेरिका, भारत और चीन के साथ संबंधों को बनाए रखने को समान प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि हमारे विभिन्न हित इनसे गहराई से जुड़े हुए हैं। अंतरिम सरकार ने एक राजनयिक संचार भेजकर भारत से हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने यहां कहा कि वे भारत से जवाब का इंतजार कर रहे हैं।