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मास्को से यूं ही नहीं लौटी थी वैगनर सेना, रूसी आर्मी से भिड़ंत में गई थी 45 जानें; सामने आया प्रिगोझिन का बयान

रूसी राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ खुला विद्रोह छेड़ने वाले वैगनर आर्मी चीफ प्रिगोझिन ने मास्को से वापसी के बाद पहली बार अपना बयान जारी किया है। प्रिगोझिन ने अचानक मास्को जाने और उसके बाद 24 घंटे में ही वापस लौटने की पूरी वजह बताई है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jun 26, 2023 22:57 IST, Updated : Jun 26, 2023 22:57 IST
वैगनर आर्मी चीफ, येवगिनी प्रिगोझिन
Image Source : AP वैगनर आर्मी चीफ, येवगिनी प्रिगोझिन

रूसी राष्ट्रपति पुतिन से विद्रोह और मास्को कूच के बाद अचानक लौटने का फैसला करने के बाद रूस के निजी सैन्य समूह ‘वैग्नर’ के प्रमुख येवगेनी प्रीगोझिन ने शनिवार को सनसनीखेज बयान जारी किया है। मास्को से वैगनर ग्रुप की वापसी यूं ही नहीं हुई, बल्कि इस दौरान उसके करीब 30 लड़ाके रूसी सेना से भिड़ंत में मारे गए। बदले में वैगनर सेना ने भी रूसी सैन्य हेलीकॉप्टरों और सैन्य वाहनों का निशाना बनाया। इसमें भी 15 लोगों के मारे जाने का दावा रूसी समाचार एजेंसी ने किया है। इस प्रकार दोनों पक्षों में हुई झड़प में करीब 45 मौतों हुईं। तब बेलारूस के राष्ट्रपति की दखल के बाद प्रिगोझिन ने क्षमादान पाने की उम्मीद से लौटने का फैसला किया।

 सैन्य बगावत वापस लेने के बाद सोमवार को पहली बार प्रिगोझिन ने ऑडियो बयान जारी कर अपने कदम का बचाव किया। उन्होंने अपनी सेना पर हमले की प्रतिक्रिया के रूप में यह बयान जारी किया जिसमें उनके 30 लड़ाके मारे गए। प्रीगोझिन ने 11 मिनट की ऑडियो में कहा, ‘‘हमने अन्याय के कारण रूस की ओर कूच करने का आदेश दिया था।’’ उन्होंने इसकी जानकारी नहीं दी कि वह कहां हैं और भविष्य की उनकी योजनाएं क्या है। रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ‘वैग्नर’ द्वारा विद्रोह करने और उन्हें हटाने की मांग किये जाने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आये। सोमवार को जारी एक वीडियो में वह यूक्रेन में सैनिकों का निरीक्षण करते हुए नजर आये। इस वीडियो का मकसद देश में कई दशकों के इस सबसे गंभीर राजनीतिक संकट के बाद व्यवस्था बने रहने का संकेत देना है। लेकिन अब भी उनकी, बागी नेता येवगेनी प्रीगोझिन एवं निजी सेना की तकदीर के साथ ही यूक्रेन में युद्ध पर प्रभाव और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के राजनीतिक भविष्य पर अनिश्चितता बनी हुई है।

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इस लड़ाई के दौरान प्रीगोझिन और रूस के सैन्य नेतृत्व के बीच उत्पन्न कटुता ने विद्रोह का रूप ले लिया और वैग्नर समूह दक्षिणी रूस के एक सैन्य मुख्यालय पर कब्जा करने पहुंच गया। ऐसा जान पड़ता है कि बिना किसी रोक-टोक के वह मॉस्को से महज कुछ सौ मील दूर तक पहुंच गया। लेकिन शनिवार को 24 घंटे के अंदर ही वह वापस लौट गया। क्रेमलिन ने कहा कि उसने समझौता किया है जिसके तहत प्रीगोझिन बेलारूस जाएंगे तथा उन्हें एवं उनके सैनिकों को क्षमादान मिलेगा। वैसे तो प्रीगोझिन के ठिकाने के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन एक लोकप्रिय समाचार चैनल ने टेलीग्राम पर खबर दी कि उन्हें बेलारूस की राजधानी मिंस्क में एक होटल में देखा गया।

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको के कथित तौर पर मध्यस्थता वाले इस समझौते के तहत प्रीगोझिन और उनकी सेना का अंतत: क्या होगा। प्रीगोझिन का विद्रोह बेहद कम वक्त का रहा लेकिन यह रक्तरंजित था। रूसी मीडिया ने बताया कि वैग्नर सेना ने कई सैन्य हेलीकॉप्टरों और एक सैन्य संचार विमान को मार गिराया तथा कम से कम 15 लोग मारे गए। (भाषा)

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