इस्लामाबादः पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए बृहस्पतिवार को सुबह से मतदान शुरू हो जाएगा। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। हालांकि मतदान से एक दिन पहले पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हुए भीषण बम धमाके से लोगों के बीच में दहशत भर गई है। इस ब्लास्ट में करीब 28 लोग मारे गए हैं। ऐसे में चुनाव को शांति पूर्वक करवाना पाकिस्तान पुलिस, सेना और चुनाव आयोग के लिए कड़ी चुनौती है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जेल में हैं। उन्हें कोर्ट की ओर से चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया था। वहीं उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह बल्ला भी छीन लिया गया। ऐसे में इमरान खान पहले ही लड़ाई से बाहर माने जा रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में पाकिस्तान का नया प्रधानमंत्री कौन होगा, इसे लेकर कयासों का बाजार गर्म है। मतदान सुबह 8 बजे से शुरू होगा और मतों की गणना 9 फरवरी को सुबह 11 बजे से की जाएगी।
हालांकि पाकिस्तान के आम चुनाव से पहले ही यह संकेत मिलने लगा है कि यहां का नया प्रधानमंत्री कौन बनने जा रहा है? ऐसा माना जा रहा है कि दौड़ में सबसे आगे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ चल रहे हैं। इसकी वजह यह भी है कि नवाज को पाकिस्तानी सेना का समर्थन प्राप्त है। ऐसे में उनकी जीत तय मानी जा रही है। पूर्व 4 वर्ष तक पाकिस्तान से निर्वासित होने के बाद नवाज पाकिस्तान लौटे हैं। इसके बाद एक-एक करके उन पर लादे गए सभी अहम मुकदमे भी चुनाव से पहले खत्म होते गए। नवाज शरीफ ने पाकिस्तान की खस्ता अर्थव्यवस्था और बदहाली के लिए राजनेताओं को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही सत्ता में आने पर पाकिस्तान को इन मुश्किलों से उबारने का सपना भी दिखाया है। ऐसे में माना जा रहा है कि नवाज शरीफ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
चुनाव से पहले बम ब्लास्ट में दर्जनों मौतें
आम चुनाव की पूर्व संध्या पर बुधवार को हिंसा की घटनाएं भी हुईं। बलूचिस्तान प्रांत में चुनाव कार्यालयों को निशाना बनाकर किए गए दो बम विस्फोटों में कम से कम 28 लोग मारे गए और 42 अन्य घायल हो गए। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के जेल में होने के कारण, शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है। खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उम्मीदवार निर्दलीय के रूप से चुनाव लड़ रहे हैं क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने उनकी पार्टी को उसके चुनाव चिह्न क्रिकेट ‘बल्ला’ से वंचित करने संबंधी निर्वाचन आयोग के फैसले को बरकरार रखा है। बृहस्पतिवार को होने वाले चुनाव में 74 वर्षीय शरीफ की नजर रिकॉर्ड चौथी बार प्रधानमंत्री बनने पर होगी।
बिलावल भुट्टो भी देख रहे पीएम बनने का सपना
इस मुकाबले में बिलावल भुट्टो-जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) भी शामिल है। बिलावल भुट्टो-जरदारी को पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित किया गया है। पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए लगभग 6,50,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस चुनाव में 12.85 करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाता मतदान करेंगे। ‘रेडियो पाकिस्तान’ की खबर के अनुसार, मतदाताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगभग 6,50,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इनमें पुलिस, नागरिक सशस्त्र बल और सशस्त्र बल के जवान शामिल हैं। मतदान बृहस्पतिवार की सुबह आठ बजे शुरू होगा और शाम पांच बजे तक जारी रहेगा। पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) के अनुसार कुल 12,85,85,760 पंजीकृत मतदाता वोट देने के पात्र हैं।
5 हजार से ज्यादा उम्मीदवार हैं मैदान में
नेशनल असेंबली के लिए 5,121 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जिनमें से 4,807 पुरुष, 312 महिलाएं और दो ट्रांसजेंडर शामिल हैं। चार प्रांतीय विधानसभाओं के लिए 12,695 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 12,123 पुरुष, 570 महिलाएं और दो ट्रांसजेंडर शामिल हैं। ईसीपी के एक अधिकारी ने बताया कि पीठासीन अधिकारी, जिन्हें पहले से ही मजिस्ट्रेट की विशेष शक्तियां दी गई हैं, पुलिस और सैन्यकर्मियों की सुरक्षा में मतदान सामग्री को मतदान केंद्रों तक ले जाएंगे। आयोग के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में सबसे अधिक 7,32,07,896 पंजीकृत मतदाता हैं, इसके बाद सिंध में 2,69,94,769, खैबर पख्तूनख्वा में 2,19,28,119, बलूचिस्तान में 53,71,947 और राजधानी इस्लामाबाद में 10,83,029 मतदाता हैं।
9 लाख से ज्यादा मतदान केंद्र तैयार
ईसीपी ने देशभर में 9,07,675 मतदान केंद्र स्थापित किए हैं, जिनमें पुरुष मतदाताओं के लिए 25,320, महिलाओं के लिए 23,952 और अन्य 41,403 मिश्रित मतदान केंद्र शामिल हैं। निर्वाचन आयोग के अनुसार, 44,000 मतदान केंद्र सामान्य हैं जबकि 29,985 को संवेदनशील और 16,766 को अत्यधिक संवेदनशील घोषित किया गया है। इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ‘पीटीआई’ ने बुधवार को आरोप लगाया कि पाकिस्तान में आठ फरवरी के चुनावों में अपनी पसंद की सरकार बनाने के वास्ते "वांछित परिणाम" हासिल करने के लिए राजनीतिक सांठगांठ की जा रही है। ‘पीटीआई’ के प्रवक्ता रऊफ हसन ने बुधवार को बताया कि बृहस्पतिवार के चुनावों में खान की पार्टी को चुनाव जीतने से रोकने के लिए राजनीतिक सांठगांठ की जा रही है। खान और उनकी पार्टी ने आरोप लगाया है कि मौजूदा चुनाव प्रक्रिया में कोई समान अवसर नहीं है। ‘पीटीआई’ नेता ने उन्हें सत्ता में वापस आने से रोकने के लिए सैन्य प्रतिष्ठान को भी दोषी ठहराया है।(भाषा)
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