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दुबई: ईरान में शुक्रवार को राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर मतदान जारी है। पिछले महीने राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की एक विमान दुर्घटना में मौत के बाद यह चुनाव हो रहे हैं। चुनाव ऐसे समय में हो रहे हैं, जब इजराइल-हमास के बीच जारी युद्ध को लेकर पश्चिम एशिया में व्यापक स्तर पर तनाव है और ईरान पिछले कई वर्षों से आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
किसने डाला पहला वोट
मतदाताओं को कट्टरपंथी उम्मीदवारों और एक कम चर्चित राजनेता के बीच चुनाव करना होगा, जो ईरान के सुधारवादी आंदोलन से जुड़े रहे हैं। चुनाव प्रक्रिया की निगरानी करने वाले गृह मंत्री अहमद वहीदी ने बताया कि सुबह (स्थानीय समयानुसार) आठ बजे मतदान शुरू हुआ। ईरान के 85 वर्षीय सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने चुनाव में पहला वोट डाला और जनता से मतदान करने का आग्रह किया।
त्रिकोणीय है मुकाबला
विश्लेषक राष्ट्रपति चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला मान रहे हैं। उनका मानना है कि मुख्य मुकाबला दो कट्टरपंथी उम्मीदवार- पूर्व परमाणु वार्ताकार सईद जलीली और संसद के अध्यक्ष मोहम्मद बाघेर कलीबाफ और सुधारवादी के तौर पर पहचाने जाने वाले उम्मीदवार मसूद पेजेशकियन के बीच है। मसूद का झुकाव पूर्व राष्ट्रपति हसन रूहानी की तरफ है, जिनके शासन के तहत तेहरान ने विश्व शक्तियों के साथ 2015 का ऐतिहासिक परमाणु समझौता किया था।
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ईरान में 18 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 6.1 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें से लगभग 1.8 करोड़ 18 से 30 आयु वर्ग के हैं। ईरानी कानून के अनुसार, जीतने के लिए किसी उम्मीदवार को कुल डाले गए वोटों में से 50 प्रतिशत से अधिक वोट मिलना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो दौड़ में शामिल शीर्ष दो उम्मीदवार एक सप्ताह के बाद होने वाले दूसरे चरण के लिए आगे बढ़ेंगे। (एपी)
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