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बांग्लादेश में टूटा हिंदुओं के सब्र का बांध, शुरू हुआ हिंसा का विरोध; ढाका की सड़कों पर उमड़ा जनसैलाब

बांग्लादेश में हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। लगातार हिंसा के खिलाफ अब अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए हैं। ढाका और चटगांव में प्रदर्शन हुए हैं।

Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927
Updated on: August 11, 2024 12:10 IST
Bangladesh Hindu Protest- India TV Hindi
Image Source : FILE AP Bangladesh Hindu Protest

ढाका: बांग्लादेश में बदलते सियासी हालात के बीच हिंदुओं के खिलाफ व्यापक हिंसा देखने को मिली है। इस बीच बांग्लादेश की राजधानी ढाका और उत्तर-पूर्वी बंदरगाह शहर चटगांव में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के हजारों लोगों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया है। उन्होंने देश भर में मंदिरों, उनके घरों और व्यवसायों पर हमलों के बीच सुरक्षा की मांग की है। प्रदर्शन में शामिल लोग अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ मुकदमा चलाने में तेजी लाने के लिए विशेष न्यायाधिकरणों की स्थापना, अल्पसंख्यकों के लिए 10 प्रतिशत संसदीय सीट, अल्पसंख्यक संरक्षण कानून लागू करने जैसी अन्य मांग कर रहे हैं। 

हिंदुओं पर हुए हमले

हिंदू प्रदर्शनकारियों की रैली के चलते शनिवार को मध्य ढाका के शाहबाग में तीन घंटे से अधिक समय तक यातायात अवरुद्ध रहा। छात्रों सहित हजारों मुस्लिम प्रदर्शनकारियों ने भी यहां उनके साथ मिलकर अल्पसंख्यकों के हित के लिए एकजुटता व्यक्त की। बांग्लादेशी हिंदुओं को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और सोमवार को भारत भाग जाने के बाद हिंसा और लूटपाट का खामियाजा भुगतना पड़ा है। कई हिंदू मंदिरों, घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई है। इतना ही नहीं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी से जुड़े कम से कम दो हिंदू नेता हिंसा में मारे गए हैं। 

अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ी हिंसा

मीडिया रिपोर्ट में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के बढ़ते मामलों को उजागर किया गया है। ‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार के अनुसार अल्पसंख्यकों के अधिकारों की वकालत करने वाले एक प्रमुख संगठन, बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद ने मुख्य सलाहकार डॉ मुहम्मद यूनुस को एक खुला पत्र जारी किया है, जिसमें पांच अगस्त को शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से 52 जिलों में उत्पीड़न की 205 घटनाओं का विवरण दिया गया है। प्रदर्शनकारियों ने आठ सूत्री मांग पत्र सामने रखा है। इसमें अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वालों पर मुकदमों में तेजी लाने के लिए विशेष न्यायाधिकरणों की स्थापना, पीड़ितों को मुआवजा तथा अल्पसंख्यक संरक्षण कानून को तत्काल लागू करना शामिल है। (भाषा)

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