Highlights
- चीन पर अमेरिकी हैकरों ने किया हमला
- एक खास विश्वविद्यालय को बनाया निशाना
- चीन की जांच में सामने आई बात
चीन और अमेरिका के बीच इस वक्त अघोषित वॉर चल रही है। अब जब दुनिया डिजिटल की ओर तेजी से बढ़ रही है तो हमले भी डिजिटल तरीके से हो रहे हैं। अमेरिका भी चीन पर ऐसे ही हमले कर रहा है। इस वक्त चीन का एक खास विश्वविद्यालय अमेरिकी हैकरों के हमलों से परेशान है। दरअसल, चीन का उत्तर-पश्चिमी पॉलिटेक्निक विश्वविद्यालय हाल में विदेशी साइबर हमलों से परेशान है।
चीनी राष्ट्रीय कंप्यूटर वायरस आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र और छिहू 360 प्रौद्योगिकी कंपनी ने 5 सितंबर को क्रमश: इस मामले की जांच रिपोर्ट जारी की। जांच से पता चला कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) के अधीनस्थ टेलर्ड एक्सेस ऑपरेशन कार्यालय (टीएओ) ने कई सालों से चीन के घरेलू नेटवर्क लक्ष्यों के खिलाफ हजारों दुर्भावनापूर्ण साइबर हमले किए और संबंधित नेटवर्क उपकरण पर नियंत्रण किया। इससे मूल्यवान डेटा की संदिग्ध चोरी की गई।
विश्वविद्यालय नेटवर्क सुरक्षा पर बड़ा ध्यान देता है
उत्तर-पश्चिमी पॉलिटेक्निक विश्वविद्यालय के सूचना निर्माण और प्रबंधन कार्यालय के उप प्रमुख सोंग छ्यांग ने कहा कि हाल में विश्वविद्यालय के नेटवर्क सिस्टम में ट्रोजन प्रोग्राम का पता चला। इससे विश्वविद्यालय के सामान्य काम और व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण जोखिम का कारण बना। विश्वविद्यालय नेटवर्क सुरक्षा पर बड़ा ध्यान देता है और पुलिस को संबंधित स्थिति से अवगत करवाया।
टीएओ ने 140 जीबी से अधिक डेटा की चोरी की
शीआन शहर के सार्वजनिक सुरक्षा विभाग ने शीघ्र ही जांच के लिए मामला दर्ज किया। चीनी राष्ट्रीय कंप्यूटर वायरस आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र और छिहू 360 प्रौद्योगिकी कंपनी के संयुक्त तकनीक दल ने मामले के तकनीकी विश्लेषण में भाग लिया। प्रारंभिक खोज से पता चला कि संबंधित हमले एनएसए के टीएओ से आए। जांच से यह भी पता चला कि हाल के वर्षों में टीएओ ने चीन के घरेलू नेटवर्क लक्ष्यों के खिलाफ हजारों दुर्भावनापूर्ण साइबर हमले किए और दसियों हजारों नेटवर्क उपकरणों पर नियंत्रण किया। टीएओ ने 140 जीबी से अधिक मूल्यवान डेटा की चोरी की।