बीजिंगः अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों को लेकर चीन भी बेहद चौकन्ना है। 5 नवंबर को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होना तय है। डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी की ओर से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच अगले राष्ट्रपति के लिए मुख्य मुकाबला है। मगर इन दोनों नेताओं में से चीन किसे राष्ट्रपति बनते देखना चाहता है, यह जानना बेहद दिलचस्प होगा। चीन और अमेरिका एक दूसरे के कट्टर प्रतिद्वंदी हैं। बाइडेन और ट्रंप से चीन के रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं। ऐसे में चीन अमेरिका के अगले राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप की तुलना में कमला हैरिस को प्राथमिकता देगा। यह दावा चीनी विशेषज्ञ की ओर से किया गया है।
चीन का मानना है कि ट्रंप के राष्ट्रपति पद पर रहने के दौरान द्विपक्षीय संबंध तेजी से बिगड़ गए थे और इसके कारण गंभीर टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी। चीनी राष्ट्रीय सलाहकार निकाय के एक वरिष्ठ सदस्य ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। राष्ट्रीय सलाहकार निकाय सीपीपीसीसी की स्थायी समिति के सदस्य जिआ किंग्गू ने कहा कि चीन सरकार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर टिप्पणी नहीं करना चाहती, क्योंकि वह नहीं चाहती कि उस पर अमेरिकी आतंरिक राजनीति में हस्तक्षेप करने का आरोप लगे। चीनी जन राजनीतिक परामर्शदात्री संस्था (सीपीपीसीसी) राज्य शासन प्रणाली का एक प्रमुख घटक और एक विशिष्ट चीनी राजनीतिक संस्था है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बीजिंग की पसंद को लेकर ‘बीबीसी’ से कहा, ‘‘चीनी आम जनता के विचार हैरिस और ट्रंप को लेकर विभाजित हैं, लेकिन मैं ट्रंप के साथ बुरे अनुभव के कारण हैरिस को प्राथमिकता दूंगा। हम फिर से वैसा अनुभव नहीं करना चाहते हैं।’’
ट्रंप के राष्ट्रपति रहते चीन-अमेरिका के संबंध हो गए थे खराब
ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति रहने के दौरान चीन के साथ उसके संबंध बहुत नाजुक दौर में पहुंच गए थे। बाइडेन के कार्यकाल में भी चीन-अमेरिका के रिश्ते अच्छे नहीं हो सके। लिहाजा अब चीन कमला हैरिस को राष्ट्रपति के रूप में देखना चाहता है। ट्रंप के राष्ट्रपति काल के दौरान, संबंधों में तेजी से गिरावट आई और दोनों देशों के बीच गंभीर टकराव हुआ। जिआ ने कहा कि ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति काल के दौरान चीन के बारे में काफी गलत जानकारी फैलाई थी। उन्होंने कहा, ‘‘हमें जो बाइडन की प्रशंसा से भी समस्या है’’ लेकिन बाइडन को आंतरिक राजनीति और शायद उनकी वैचारिक प्रतिबद्धता के कारण चीन के खिलाफ ट्रंप द्वारा शुरू किए गए कई सख्त कदम विरासत में मिले हैं।’’ उन्होंने कहा, “बाइडन के नेतृत्व में चीन के प्रति अमेरिकी नीति अधिक स्थिर और पूर्वानुमानित है।’’ (भाषा)
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