China-America: चीनी जासूसी बैलून पर अमेरिका और चीन के बीच बवाल और बढ़ गया है। चीन की संसद ने अमेरिकी हवाई क्षेत्र में चीन का संदिग्ध जासूसी गुब्बारा मिलने पर अमेरिका की प्रतिक्रिया की निंदा की और अमेरिकी सांसदों पर अन्य देशों की संप्रभुता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। चीन की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जब चीन का संदिग्ध जासूसी गुब्बारा मिलने पर अमेरिका ने इस घटना की निंदा करने वाला प्रस्ताव पारित किया है।
चीन की ‘नेशनल पीपुल्स कांग्रेस फोरेन अफेयर्स कमेटी’ ने बीजिंग के इस रुख को दोहराया कि यह गुब्बारा मानवरहित असैन्य मौसम अनुसंधान यान था। इस दावे को अमेरिका ने खारिज किया है। चीन ने चार फरवरी को अमेरिकी हवाई क्षेत्र में गुब्बारा नष्ट किए जाने की घटना पर शुरुआत में खेद जताया और बाद में उसने इस मामले पर अपने रुख को कड़ा करते हुए अमेरिका की प्रतिक्रिया की निंदा की।
चीनी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि वह पूर्वी अमेरिकी तट पर संदिग्ध चीनी जासूसी गुब्बारा नष्ट किए जाने के मामले में अमेरिकी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करेगा। उसने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया। चीन की विदेश मामलों की समिति ने एक बयान में कहा कि अमेरिका में प्रतिनिधि सभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में ‘चीन के खतरे को जानबूझकर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया।’
उसने कहा, ‘अमेरिकी कांग्रेस के कुछ नेताओं ने आग भड़काई और चीन का विरोध करने और चीन को नियंत्रित करने के अपने भयावह षड़यंत्रों को पूरी तरह से उजागर कर दिया।’ बयान में कहा गया, ‘वास्तव में अमेरिका ही अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता है, उनकी संप्रभुता का उल्लंघन करता है और अन्य देशों पर निगरानी रखता है।’ अमेरिका के एफ-22 लड़ाकू विमान ने चार फरवरी को चीन के संदिग्ध जासूसी गुब्बारे को नष्ट कर दिया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘चीन इसका दृढ़ता से विरोध करता है। चीन की संप्रभुता और सुरक्षा को निशाना बनाने वाली अमेरिका की संबंधित संस्थाओं के खिलाफ कानून के अनुसार जवाबी कार्रवाई की जाएगी।’ गुब्बारा नष्ट किए जाने के बाद से अमेरिका ने छह चीनी प्रतिष्ठानों पर प्रतिबंध लगाए हैं।